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किशनगंज : डीएम ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का किया विधिवत उद्घाटन, बच्चा गोद लेने के इच्छुक दंपति कर सकते है आवेदन

नवजातों को अवांछित समझ कर जंगल, झाड़ी आदि में फेंक दिया जाता है या अस्पताल आदि में यू हीं छोड़ दिया जाता है। ऐसे बच्चों के देख भाल एवम संरक्षण के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, किशनगंज अंतर्गत 'विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान संचालित है, जिसमें 0 से लेकर 6 साल तक की उम्र के 10 बच्चों के आवासन की क्षमता है

किशनगंज, 08 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा “विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान” (SAA) का विधिवत उद्घाटन किया गया। यह संस्थान शनि मंदिर के पीछे, डुमरिया भट्टा, वार्ड नं०-29, किशनगंज में संचालित है। उद्घाटन समारोह में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डा. कौशल किशोर, सहायक निर्देशक जिला बाल संरक्षण इकाई, किशनगंज रवि शंकर तिवारी एवम अन्य उपस्थित रहे।संस्थान के उद्घाटन के अवसर पर डीएम ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिले के सभी आम जन एवम पदाधिकारी को संबोधित किया कि कोई भी नवजात फेंके न जाएं, बच्चे राष्ट्र के भविष्य हैं और इनकी समुचित देखभाल सुनिश्चित की जाए। यदि कोई नवजात फेंका या बेसहारा छोड़ा हुआ पाया जाय तो तुरंत बाल संरक्षण या नजदीकी थाना से संपर्क कर बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थित कराया जाय। इसके साथ उन्होंने कहा कि जिले के सभी चिकित्सीय संस्थान को सावधान रहने की जरूरत है तथा ऐसे नवजातों के पाए जाने की स्थिति में संस्थान के प्रधान द्वारा समुचित कार्रवाई किया जाना जरूरी है एवं तत्काल बाल कल्याण समिति अथवा चाइल्डलाइन 1098 को सूचित करना अनिवार्य है। नवजातों को अवांछित समझ कर जंगल, झाड़ी आदि में फेंक दिया जाता है या अस्पताल आदि में यू हीं छोड़ दिया जाता है। ऐसे बच्चों के देख भाल एवम संरक्षण के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, किशनगंज अंतर्गत ‘विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान संचालित है, जिसमें 0 से लेकर 6 साल तक की उम्र के 10 बच्चों के आवासन की क्षमता है। उल्लेखनीय है कि ऐसे फेंके या छोड़े हुए बच्चों को प्राप्त कर जरूरी चिकित्सा देकर इस संस्थान में आवासित कराया जाता है। तदुपरांत बच्चों के उनके माता पिता का पता लगाने के लिए अखबार में विज्ञापन दिया जाता है। माता पिता के मिल जाने की स्थिति में उन्हें सौंप दिए जाते हैं अन्यथा दो महीने की अवधि के उपरांत बाल कल्याण समिति द्वारा इन बच्चों को “दत्तक ग्रहण योग्य विधिक रूप से स्वतंत्र “घोषित किया जाता है। इसके उपरांत इस संस्थान में आवासित बच्चों को carings पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जाता है और CARA के सर्वेक्षणाधीन योग्य माता पिता दत्तकग्रहण में दे दिया जाता है। ध्यान देने योग्य है कि दत्तक ग्रहण अर्थात गोद लेने के इच्छुक दंपति CARA के website के माध्यम से ही आवेदन कर सकते हैं। विदित हो कि किशोर न्याय अधिनियम में गैर कानूनी तरीके से गोद लेने, बच्चा खरीदने एवं बेचने पर तीन वर्ष के कारावास का प्रावधान है।

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