किशनगंज : सुरक्षित तरीके से दिवाली मनाकर रहें स्वस्थ: जिलाधिकारी
पटाखों के शोर से बचें, उससे निकलने वाला धुआं नुकसानदायक, खाने-पीने पर भी रखें ध्यान, बेहिसाब खाने से बीमार होने का खतरा

किशनगंज, 11 नवंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, 12 नवंबर को प्रकाश और हर्ष का त्योहार दिवाली है। लोग इसे अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। बड़े और समझदार लोग एक-दूसरे को मिठाई देकर दिवाली की खुशियां मनाते तो बच्चे पटाखे फोड़कर अपनी खुशी को व्यक्त करते हैं। पटाखे का शोर जहां सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने सभी जिलेवासियो को दीपावली त्यौहार की शुभकामनाएं दी है। वहीं उन्होंने दीपावली में पटाखा से दुरी बनांते हुए दीपक जलाकर एवं आपस में मिलजुल कर सौहार्द्र एवं पारंपरिक रूप से त्यौहार मानाने की अपील की है। उन्होंने बताया की पटाखा से निकलने वाले ज्वलनशील गैस स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। इस त्योहार में लोग खाने पीने पर भी जोर देते हैं। बेहिसाब खाने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। इसलिए हमें सतर्क रहकर दिवाली मनानी चाहिए। पर्व की खुशियां तो जायज हैं, लेकिन इसमें सावधानी भी जरूरी है। खासकर वैसे लोग जो बीमार हैं। वैसे तो सभी लोगों को सावधान रहना चाहिए, लेकिन अस्थमा और हाइपरटेंशन के मरीजों को इस मौके पर काफी सतर्क रहना चाहिए। जरा सी चूक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। सिविल सर्जन, डा. कौशल किशोर ने बताया कि आमतौर पर ज्यादा खतरनाक पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए, लेकिन अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो थोड़ी सी सावधानी भी बरत लीजिए। पटाखे फोड़ते वक्त लाइटर या फिर माचिस का इस्तेमाल नहीं करें। साथ ही पटाखे को किसी लकड़ी के सहारे फोड़ने की कोशिश करें। अगर ऊपर का हिस्सा खुला नहीं है तो रॉकेट जैसे पटाखे फोड़ने से बचें। बम फोड़ते वक्त आसपास पटाखा को जमा नहीं करें। इससे आग लगने की आशंका रहती है। जितना संभव हो फुलझड़ी या अन्य कम नुकसानदायक पटाखे ही फोड़ें। सदर अस्पताल उपाधीक्षक, डा. अनवर आलम ने बताया कि पटाखे फोड़ते वक्त अगर आपके शरीर का कोई हिस्सा जल गया है तो उसे पानी में रखें। अगर जलन के बाद दर्द हो रहा है तो इसका मतलब है कि ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। शरीर के जले हिस्से को पानी में रखने से जो भी जख्म होगा वह बाहर आ जाएगा। इससे डाक्टर को इलाज करने में आसानी होगी। पटाखे फोड़ते वक्त शरीर के खुले हिस्से में तेल या क्रीम लगाने की कोशिश करें। सिविल सर्जन, डा. कौशल किशोर ने कहा कि अस्थमा के मरीज पटाखों के शोर वाली जगह पर जाने से बचें। अगर आप शोर वाली जगह पर जा रहे हैं तो पास में इनहेलर रखें। साथ ही मास्क के जरिए भी आप पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण से अपना बचाव कर सकते हैं। किसी तरह की परेशानी होने पर तत्काल डाक्टर से संपर्क करें। गैर संचारी रोग पदाधिकारी, डा. उर्मिला कुमारी ने बताया दिवाली के मौके पर खुशियों के बीच खाने पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। जो स्वस्थ हैं वह तो इन परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होते हैं, लेकिन जो लोग बीमार हैं उन्हें परेशानी होती। खासकर जिस व्यक्ति को हाइपरटेंशन की बीमारी है। उसे ज्यादा परेशानी है। ऐसे लोग तैलीय पदार्थ खाने से बचें। साथ ही मीठा चीज भी कम ही खाएं। रात में सोते वक्त बिल्कुल ही कम खाना खाएं। अधिक खाने से हार्ट अटैक का खतरा रहता है।