अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत सुरेश राम के दो विभागों से वेतन उठाने एवं एक विभाग से वेतन उठाने का प्रयास करने की कहानी है अनोखी..

21 जून 2017 को सुपौल के कार्यपालक अभियंता द्वारा दैनिक अखबार में विज्ञापन छपवाकर सुरेश राम के फरार होने की सूचना दी।लेकिन सुरेश राम की उपस्थिति बनती रही और वह वेतन भी लेता रहा।

वीरपुर, सुपौल एवं बेलरहना जलाशय, बांका से वेतन निकासी की थी।भवन प्रमंडल किशनगंज में योगदान करने के बाद से उसे वेतन नहीं मिल रहा था।

22 जुलाई को भवन अवर प्रमंडल, किशनगंज में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत सुरेश राम को अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र, बायोडाटा, जन्मतिथि से संबंधित प्रमाण पत्र आदि की जांच के लिए भवन निर्माण विभाग के उप सचिव चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह के कार्यालय में मुख्यालय बुलाया गया था, लेकिन सुरेश राम केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड लेकर कार्यालय में उपस्थित हुआ।

आरोप है कि सुरेश तीन-तीन पदों पर एक साथ कार्य कर रहा था और उसे संबंधित विभाग से समय-समय पर पदोन्नति भी मिलती रही।इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब वित्त विभाग द्वारा नई वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) के तहत सरकारी कर्मचारी का वेतन और अन्य कार्यो की जानकारी के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि डाली गई।किशनगंज/धर्मेंद्र सिंह सुरेश राम इंजीनियर बिहार सरकार के तीन अलग-अलग विभागों में नौकरी कर रहा था और पिछले 30 वर्षो से तीनों विभागों से वेतन भी उठा रहा था।यह बात सामने आने के बाद किशनगंज थाने में इस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और पुलिस जांच में जुटी हुई है।इस इंजीनियर का नया कारनामा सामने आया है।आपको बताते चले कि भवन प्रमंडल किशनगंज में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत सुरेश राम के दो विभागों से वेतन उठाने एवं एक विभाग से वेतन उठाने का प्रयास करने की कहानी अनोखी है।सुरेश नव पटना के चेतना पथ, शिवपुरी, अनीसाबाद का निवासी है।21 जून 2017 को सुपौल के कार्यपालक अभियंता द्वारा दैनिक अखबार में विज्ञापन छपवाकर सुरेश राम के फरार होने की सूचना दी।लेकिन सुरेश राम की उपस्थिति बनती रही और वह वेतन भी लेता रहा।सूत्रों के अनुसार इस बीच सुरेश राम बेलरहना जलाशय बांका में योगदान कर वहां से वेतन उठा रहा था।हालांकि सहायक अभियंता ने सिर्फ वीरपुर, सुपौल एवं बेलरहना जलाशय, बांका से वेतन निकासी की थी।भवन प्रमंडल किशनगंज में योगदान करने के बाद से उसे वेतन नहीं मिल रहा था।फरवरी, 2019 से भवन प्रमंडल किशनगंज में सहायक अभियंता के पद पर प्रोन्नत होकर योगदान करने वाले सहायक अभियंता सुरेश राम ने जब वेतन की मांग की तो भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने पे-स्लिप की मांग की।पे-स्लिप नहीं देने के कारण उन्हें भवन प्रमंडल किशनगंज से वेतन नहीं मिल रहा था।बताया जाता है कि सुरेश राम बांका व सुपौल से जल संसाधन विभाग से एलपीसी के माध्यम से वेतन उठा रहा था।पर यहाँ सवाल उठ रहा है कि सहायक अभियंता सुरेश राम एक समय में दोनों विभाग में उपस्थिति कैसे दर्ज कराता रहा ? बताया जाता है कि 22 जुलाई को भवन अवर प्रमंडल, किशनगंज में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत सुरेश राम को अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र, बायोडाटा, जन्मतिथि से संबंधित प्रमाण पत्र आदि की जांच के लिए भवन निर्माण विभाग के उप सचिव चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह के कार्यालय में मुख्यालय बुलाया गया था, लेकिन सुरेश राम केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड लेकर कार्यालय में उपस्थित हुआ।प्राधिकार द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र, नियुक्ति और सेवा से संबंधित अभिलेखों की मांग करने पर वह गायब हो गया।पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पटना निवासी सुरेश राम को पहली बार 20 फरवरी, 1988 को पटना स्थित राज्य सड़क निर्माण विभाग में बतौर सहायक इंजीनियर नियुक्त किया गया था।अगले साल उसे जल संसाधन विभाग में नौकरी मिल गई, जहां उसने 28 जुलाई, 1989 को उसी शहर में कार्यभार संभाला।इसके बाद सुरेश को उसी साल जल संसाधन विभाग में भी नौकरी मिल गई और उसे सुपौल जिले के भीम नगर में नियुक्ति दी गई।आरोप है कि सुरेश तीन-तीन पदों पर एक साथ कार्य कर रहा था और उसे संबंधित विभाग से समय-समय पर पदोन्नति भी मिलती रही।इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब वित्त विभाग द्वारा नई वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (सीएफएमएस) के तहत सरकारी कर्मचारी का वेतन और अन्य कार्यो की जानकारी के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि डाली गई।बता दें कि वह कुछ दिनों में रिटायर भी होनेवाला है।अभी सुरेश राम फरार चल रहे है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button