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किशनगंज : कुपोषण मुक्त समाज निर्माण को लेकर लोगों को किया जा रहा है जागरूक, पोषण पखवाड़ा के तहत 04 अप्रैल तक जिले में होगा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन।

पोषण पुनर्वास केंद्र में कार्यक्रम का किया गया आयोजन, कुपोषित बच्चों की पहचान कर सुपोषित के लिए दी जा रही है आवश्यक जानकारी।

  • कुपोषण से बचाव के लिए उचित पोषण जरूरी।
  • पोषण के पाँच सूत्र की जानकारी देकर लोगों को किया जा रहा जागरूक।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के उद्देश्य को सार्थक रूप देने के लिए पोषण पखवाड़ा का संचालन हो रहा है। 21 मार्च से शुरू हुए इस पखवाड़ा का 04 अप्रैल को समापन होगा। इस दौरान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर जहाँ कुपोषण की समस्या को जड़ से मिटाने के लिए आवश्यक पहल की जा रही है। इसी क्रम में शनिवार को जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों के बीच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहाँ बच्चों का वजन एवं माताओ को परामर्श सेवा प्रदान की गई, वहीं, सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। ताकि लोगों को उचित पोषण की जानकारी मिल सके और पोषण की महत्ता को समझ सकें। इसको लेकर आईसीडीएस के पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा गाँव से लेकर जिला स्तर पर तमाम कार्यक्रमों का आयोजन कर घर-घर पोषण का संदेश पहुँचाया जा रहा है। इस दौरान सही पोषण, देश रोशन अभियान को बढ़ावा देने के लिए लोगों को सही पोषण एवं मानव जीवन के लिए पोषण की महत्ता की जानकारी दी जा रही है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कवि प्रिया ने बताया की पोषण पखवाड़ा के दौरान आईसीडीएस के पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा तमाम गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस पखवाड़ा के तहत खासकर महिलाओं को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है। जिसमें उचित पोषण की महत्ता की जानकारी देते हुए बताया जा रहा कि समय पर खाना खाएं, स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें, पुराने ख्यालात से बाहर आकर खुद के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। खुद के साथ छोटे-छोटे बच्चों के प्रति खान-पान को लेकर सजग रहें। किशनगंज सीडीपीओ सुनीता दयाल ने बताया, पखवाड़ा के दौरान गर्भवती और धातृ महिलाओं को पोषण के पांच सूत्र पहले एक हजार दिन एनीमिया, डायरिया से बचाव, स्वच्छता, हाथों की सफाई और पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रत्येक लाभार्थी गर्भवती महिला और 6 वर्ष तक के बच्चों का वजन लेने के साथ ही आवश्यक परामर्श दी जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, पखवाड़ा के दौरान छोटे-छोटे समूह में यक्ष्मा (टीबी) पर समुदाय आधारित जागरुकता चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही सभी विद्यालयों में किशोर-किशोरियों के साथ पोषण पर चर्चा, सभी प्रखंड मुख्यालय पर बीसीएपी की बैठक, प्रखंड और जिला मुख्यालय पर पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना, प्रखंड के पोषक क्षेत्र में ई. रिक्शा, ऑटो रिक्शा और रिक्शा के माध्यम से पोषक संदेशों का प्रचार-प्रसार, पूरे राज्य में निदेशालय के द्वारा टीवी, रेडियो, न्यूज़ पेपर, शोशल मास मीडिया के माध्यम से विज्ञापन के जरिये प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।जिला पोषण समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि कुपोषण को मिटाने एवं इससे बचाव के लिए उचित पोषण बेहद जरूरी है। इसके लिए समय पर खाना, स्वास्थ्य के प्रति हर आवश्यक बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार द्वारा तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

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