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किशनगंज : वक्फ संशोधन कानून पर जेडीयू नेता मुजाहिद आलम ने दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

दो गैर-मुस्लिमों की अनिवार्य नियुक्ति पर उठाए सवाल

किशनगंज,10अप्रैल(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के जिलाध्यक्ष और कोचाधामन के लोकप्रिय पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वरिष्ठ वकील शाहिद अनवर के माध्यम से दायर इस याचिका में कानून की कुछ धाराओं को मुस्लिम धार्मिक मामलों में ‘सीधा हस्तक्षेप’ बताया गया है।

पूर्व विधायक मुजाहिद आलम का कहना है कि वक्फ इस्लामिक व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है, जहां कोई भी मुसलमान अपनी संपत्ति को अल्लाह के नाम पर समर्पित कर सकता है। उन्होंने खासतौर से नए कानून में वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ काउंसिल में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की अनिवार्य नियुक्ति का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह प्रावधान धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। इस याचिका की खास बात यह भी है कि मुजाहिद आलम उसी जेडीयू पार्टी के नेता हैं, जिसने संसद में इस कानून का समर्थन किया था। पार्टी के अन्य मुस्लिम नेताओं ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस कानून का बचाव भी किया था। ऐसे में आलम का विरोध पार्टी लाइन से अलग नजर आता है।जब उनसे पार्टी छोड़ने के सवाल पर पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन संकेत दिया कि वे जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। गौर करे कि मुजाहिद आलम पिछला लोकसभा चुनाव जेडीयू के टिकट पर लड़ चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में इस याचिका ने हलचल मचा दी है, खासकर बिहार जैसे राज्य में, जहां मुस्लिम वोट बैंक की अहम भूमिका होती है।

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