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*बिहार के बड़े बॉंधों की सुरक्षा और रखरखाव को पुख्ता बनाने की पहल*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के संबंधित अभियंताओं के लिए आयोजित किया गया दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

बिहार में बाढ़ से सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के संबंधित अभियंताओं के लिए दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें उन्हें बड़े बॉंधों की सुरक्षा, निगरानी तथा रखरखाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार ‘बॉंध सुरक्षा अधिनियम, 2021’ के विभिन्न प्रावधानों और उनके अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही जलाशयों में समय के साथ होने वाले अवसादन का सर्वेक्षण करने और बाढ़ की बदलती प्रवृत्ति के अनुरूप संशोधित डिजाइन तैयार करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार की संस्था जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार के पॉंच प्रमुख डैम- अपर किऊल, दुर्गावती, कोहिरा, फुलवरिया और बदुआ- की विशेष चर्चा की गई और उसमें समय के साथ जल संचयन क्षमता घटने, लगातार हो रहे अवसादन तथा भविष्य में जल संचयन क्षमता में कमी से निपटने के उपायों की विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का उद्देश्य अभियंताओं को न सिर्फ जलाशयों की कम होती संचयन क्षमता से निपटने के उपायों के बारे में जानकारी देना था, बल्कि यह भी बताना था कि उन्हें दीर्घकाल तक अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए क्या-क्या जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य बॉंध सुरक्षा संगठन (एसडीएसओ), बिहार और जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (वाल्मी), पटना के संयुक्त तत्वावधान में, तथा एससीडीएस, बिहार के अध्यक्ष, ई० अवधेश कुमार के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम में एसडीएसओ, बिहार के निदेशक, ई० विजय कुमार द्वारा बॉंध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के महत्वपूर्ण प्रावधानों और उनका समय-सीमा में अनुपालन नहीं करने पर दंड के प्रावधानों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन एसडीएसओ, बिहार के प्रभारी प्रमुख, ई० महमूद आलम, वाल्मी की निदेशक, ई० सीमा कुमारी, एसडीएसओ के निदेशक, ई० विजय कुमार, शासी परिषद्, वाल्मी के चेयरमैन के सलाहकार, ई० आई० सी० ठाकुर, वाल्मी के प्रोफेसर, ई० मोहम्मद अब्दुल मन्नान सहित विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार के डैम एवं बराज से संबंधित विभिन्न अंचलों के अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता और सहायक अभियंता ने भाग लिया। प्रमुख प्रतिभागियों में दुर्गावती निर्माण अंचल, भीतरी बॉंध के अधीक्षण अभियंता, ई० कुमार मनोज गुप्ता, सिंचाई अंचल, नवादा के अधीक्षण अभियंता, ई० मनोज कुमार, सोन बराज अंचल, डिहरी के अधीक्षण अभियंता, ई० धनंजय कुमार सिन्हा आदि शामिल हुए।

जल संसाधन विभाग बिहार में उपलब्ध जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन, बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस दिशा में विभाग द्वारा जल प्रबंधन की आधुनिक तकनीकों एवं योजनाओं को लगातार अपनाया जा रहा है। साथ ही बॉंधों की सुरक्षा के लिए बॉंध सुरक्षा अधिनियम, 2021 में निहित प्रावधानों के तहत सभी आवश्यक अध्ययन कराये जा रहे हैं तथा जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं।

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