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राष्ट्र के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा देगा इंडिया।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि ‘‘भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन’’ (इंडिया) ने देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडा पेश करने का संकल्प लिया है। मुंबई में होने बाली अगली बैठक में गठबंधन का संयोजक चुना जाएगा और सीट टू सीट पर चर्चा होगी। इंडिया मजबूती के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरेगा और बिहार की सभी 40 सीट पर जीत दर्ज करेगी। गठबंधन का नाम इंडिया पड़ने से सत्ताधारी भाजपा की बेचैनी बढ़ गई है क्योंकि भाजपा विकास के नाम पर वोट नहीं मांगती जबकि इंडिया के नाम में ही विकास लगा हुआ है। 2024 में इंडिया जीतेगा और भाजपा की करारी हार होगी।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि देश की 26 पार्टियों ने संविधान की रक्षा के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। भाजपा द्वारा योजनाबद्ध तरीके से हमारे गणतंत्र के चरित्र पर गंभीर हमला किया जा रहा है। भारतीय संविधान के आधारभूत स्तंभ-धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र, आर्थिक संप्रभुता, सामाजिक न्याय और संघवाद को व्यवस्थित तौर से खतरनाक ढंग से कमजोर किया जा रहा है। हम अपने देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों के संवैधानिक अधिकारों पर लगातार हमले किये जा रहे हैं। संघीय ढांचे को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। गैर-भाजपा शासित राज्यों में राज्यपालों की भूमिका सभी संवैधानिक मानदंडों से परे है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा एजेंसियों का बेधड़क दुरुपयोग हमारे लोकतंत्र पर खतरा है। केंद्र द्वारा गैर भाजपा शासित राज्यों की वैध जरूरतों और अधिकारों को नकारा जा रहा है। यह गठबंधन इस हमले का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि 26 पार्टियों का गठबंधन इंडिया आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों, रिकॉर्ड बेरोजगारी और गंभीर आर्थिक संकट का मुकाबला करने के साथ-साथ अल्पसंख्यको के खिलाफ समाज में फैलायी जा रही नफरत और हिंसा का मुकाबला करने को तैयार है। इसके अलावे महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर रोक, सभी सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए निष्पक्ष सुनवाई की मांग के साथ-साथ जातीय जनगणना कराने के पक्ष में है।

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