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किशनगंज : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता सप्ताह का शुभारंभ

“कार्रवाई के माध्यम से आशा का सृजन” थीम पर कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य की ओर बढ़ा कदम

किशनगंज,10सितंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आत्महत्या एक गंभीर सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसे रोकने के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हर वर्ष 10 सितंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “कार्रवाई के माध्यम से आशा का सृजन” पर आधारित है। इसी क्रम में किशनगंज जिले में 10 से 16 सितंबर तक विशेष जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसकी शुरुआत बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में हुई।

संवाद, सहयोग और संवेदनशीलता की जरूरत

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने की और आयोजन सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी के दिशा-निर्देशन में संपन्न हुआ। डॉ. उर्मिला ने कहा, “आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सामाजिक संवाद और समय पर सहयोग बेहद जरूरी है। यह दिवस न केवल समस्या की पहचान का अवसर है, बल्कि समाधान की दिशा में सक्रिय पहल का भी प्रतीक है।”

उन्होंने बताया कि यह दिवस 2003 में WHO और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के संयुक्त प्रयास से शुरू हुआ था, और अब यह वैश्विक स्वास्थ्य चेतना का हिस्सा बन चुका है।

मानसिक स्वास्थ्य – एक सामाजिक जिम्मेदारी

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि आत्महत्या केवल व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक और पारिवारिक प्रभाव डालने वाली समस्या है। उन्होंने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करना, समय पर सहयोग देना और पेशेवर परामर्श को बढ़ावा देना इस दिवस का मूल उद्देश्य है।”

उन्होंने आत्महत्या से जुड़े कुछ अहम तथ्यों पर प्रकाश डाला:

  • आत्महत्या रोकी जा सकती है, यदि समय रहते चेतावनी संकेतों को पहचाना जाए।
  • आत्मघाती विचार रखने वाले लोग अक्सर मदद चाहते हैं, लेकिन उन्हें रास्ता नहीं दिखता।
  • इस मुद्दे पर खुलकर बात करना प्रेरणा नहीं, बल्कि समाधान का मार्ग बन सकता है।
  • आत्महत्या सभी वर्गों और आयु समूहों को प्रभावित कर सकती है।
  • इससे प्रभावित परिवार गहरे मानसिक और भावनात्मक संकट से गुजरते हैं।

समुदाय की भूमिका – आशा की नींव

कार्यक्रम में यह संदेश स्पष्ट रहा कि मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा केवल स्वास्थ्य विभाग की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “समय रहते सहायता, समझदारी और सहानुभूति के साथ हम कई ज़िंदगियाँ बचा सकते हैं। ऐसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक माहौल बनाते हैं और यह भरोसा जगाते हैं कि कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं है।”

कार्यक्रम के अंत में यह संकल्प दोहराया गया कि किशनगंज जिला प्रशासन मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत रहेगा।

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