किशनगंज : मनरेगा कार्यों की समीक्षा में DDC ने पंचायत के पीआरएस को सख्त हिदायत देते हुए ससमय शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का दिया निर्देश अन्यथा कार्रवाई के लिए रहे तैयार।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, डीडीसी मनन राम ने 01 फरवरी को रचना भवन में मनरेगा कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा क्रम में सबसे फिसड्डी पंचायत के पीआरएस को सख्त हिदायत दिया कि ससमय शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि कोचाधामन, टेढ़ागाछ एवं ठाकुरगंज प्रखंड के दो-दो पंचायत रोजगार सेवक की सेवा समाप्त करने का निर्देश जिला पदाधिकारी के द्वारा दिया गया है। इसके साथ ही कार्य में शिथिलता को लेकर सभी प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी को डीएम के स्तर से शोकॉज जारी किया गया है। डीडीसी मनन राम ने कहा कि दो पीओ भी रडार पर हैं। इनकी भी सेवा समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि बर्खास्तगी के कगार पर खड़े पीआरएस ने मास्टर रोल खोल दिया। यहां बैठक में रिपोर्ट दिखा दिया। लेकिन जांच में सच सामने आया कि इनलोगों ने एक भी रोजगार सृजन नहीं किया था। यह बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि मार्च आने वाला है। अबतक कोचाधामन में 48 फीसदी, टेढ़ागाछ प्रखण्ड में 39.38 फीसदी एवं ठाकुरगंज में 49 फीसदी ही रोजगार सृजन किया गया है। डीएम इसको लेकर गंभीर हैं। कोरोनाकाल में बाहर से आए अप्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में इस तरह की लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। जिले के 30 पंचायतों का चयन कचड़ा वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किया गया है। तीन फरवरी को स्टेट लेवल अधिकारी की मौजूदगी में 30 पंचायतों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी दिन डीपीआर पर भी मुहर लगेगी। करोड़ों की राशि से कचड़ा मैनेजमेंट का रूपरेखा तैयार किया जाएगा। डीडीसी मनन राम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17,वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत राशि लेकर घर नहीं बनाने वालों के खिलाफ भी अभियान तेज कर दिया गया है। इनके खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर किया जा रहा है। इनसे राशि की वसूली किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2016 से 2018 तक कुल 10 हजार 211 लोगों का आवास स्वीकृत किया गया था।इनमें से 10 हजार 97 लोगों ने ही घर बनवाया। 114 लोगों ने घर नहीं बनवाया। इनमे बहादुरगंज प्रखण्ड के 06, दिघलबैंक प्रखण्ड के 35, किशनगंज प्रखण्ड के 11, कोचाधामन प्रखंड के 11, पोठिया प्रखंड के 21, टेढ़ागाछ प्रखंड के 08 एवं ठाकुरगंज के 22 लाभुक हैं जो राशि लेकर घर नहीं बनाए हैं। वित्तीय वर्ष 2919-20 में जिले में 8286 आवास की स्वीकृति हुई थी। जिसमें 8207 लोगों ने ही आवास बनाया। 78 लोग आवास नहीं बनाए। आवास नहीं बनाने वालों में बहादुरगंज के 04, दिघलबैंक के 20, किशनगंज प्रखंड के 10, कोचाधामन के 09, पोठिया प्रखंड के 16, टेढ़ागाछ प्रखंड के 06 एवं ठाकुरगंज प्रखंड के 13 लाभुक हैं। डीडीसी ने कहा कि इनमे से अधिकतर लोग राशि लेकर पलायन कर चुके हैं। इनका ठिकाना का पता लगा लिया गया है। नीलाम पत्र वाद दायर कर इनसे राशि वसूलने की कार्रवाई की जा रही है।