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किसान सम्मान के नाम पर दो कप चाय की कीमत भी नहीं — भागलपुर में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क का क्या हुआ ? बिहार को नासमझ समझने की भूल न करें !

मुकेश कुमार ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने प्रधानमंत्री के कल बिहार दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बिहार को कोई नासमझ समझने की भूल न करें। बिहार पिछड़ा हुआ राज्य जरुर है पर इसके मेघा शक्ति का डंका पुरे विश्व में बजता है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद हीं अफसोसजनक है कि 2019 से निरन्तर चल रही किसान सम्मान योजना को बार-बार त्योहार की तरह पेश कर केवल छवि चमकाने की कोशिश की जाती है। जबकि वास्तविक रूप से यह किसानों को अपमानित करने वाली योजना है। किसान सम्मान के नाम पर जो राशि किसानों को दी जाती है उस 16 रुपया 60 पैसा में तो दो कप चाय भी नहीं मिलता है। किसान सम्मान के नाम पर भले हीं भारी-भरकम राशि प्रचारित की जाती है पर सच्चाई यह है कि किसान सम्मान के नाम पर चयनित किसान को महीने में मात्र 500 रुपए दिए जाते हैं जो की कृषि मजदूरों का एक दिन की मजदूरी है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जिस ढंग से प्रधानमंत्री जी के भागलपुर दौरे को प्रचारित किया जा रहा है वह बिहार को केवल भ्रमित करने का एक प्रोपगंडा है। भागलपुर के लोग यह जानना चाहते हैं कि 2014 में हीं तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भागलपुर और दरभंगा में सौफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क खोलने की घोषणा की थी, उसका क्या हुआ ? कल जिस वारिसलीगंज – नवादा- तिलैया रेलखंड के दोहरीकरण का उद्घाटन होने वाला है वह तो 2016 की हीं योजना है जिसे मार्च 2021 में हीं पुरा करना था और केन्द्र की उपेक्षा की वजह से चार साल बाद पुरा हुआ। अन्य जिन योजनाओं का उद्घाटन वह भी केवल दिखावटी है। 33 करोड़ 80 लाख की लागत से गोकुल मिशन के तहत मोतीहारी में खुलने वाली ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इडिजिनस ब्रीड्स’ अभी फाइल में हीं है और बोर्ड टांग दिया गया है। बरौनी में दूध उत्पादक संयंत्र का भी उद्घाटन होने वाला है तो उसमें केन्द्र सरकार का क्या योगदान है वह तो बरौनी डेयरी की उपलब्धि है। प्रधानमंत्री के सौगात को भारी-भरकम बनाने के लिए इस्माइलपुर – रफीगंज रोड ओवरब्रीज का उद्घाटन को भी शामिल कर लिया गया है। शायद देश के इतिहास में यह भी अजूबा घटना हीं है कि ओवरब्रीज का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा हो रहा है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिखावटी और बनावटी सौगातों का झांसा देकर बिहारियों को इस बार गुमराह नहीं किया जा सकता। उनके एक -एक वादों और घोषणाओं का हिसाब मांगा जाएगा।
चित्तरंजन गगन

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