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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को डरा-धमका कर और चिट्ठी निकालकर फरमान जारी किया गया: तेजस्वी प्रसाद यादव।…

सोनू यादव/बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में पंचायती राज दिवस के अवसर पर बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल पंचायती राज प्रकोष्ठ की ओर से विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र प्रसाद विद्यार्थी ने की जबकि संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष देवकुमार यादव ने किया।

अपने संबोधन में श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में अफसरों के माध्यम से सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को डराने का काम कर रही है और उनके हक और अधिकार को छीनने का कार्य किया जा रहा है। सरकार नहीं चाहती है कि पंचायतों को मजबूत किया जाये। पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार को छीनकर सरकार पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करना चाहती है। इसके खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों को डरा-धमकाकर प्रधानमंत्री की सभा में आने के लिए मजबूर कर दिया गया। इसके लिए पंचायती राज विभाग की ओर से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए चिट्ठी जारी कर फरमान सुनाया गया है और डराने-धमकाने की लगातार कार्रवाई हो रही है। बिहार में बेरोजगारी और पलायन की स्थिति सबसे अधिक है। 20 वर्षों में बिहार सरकार और 11 वर्षों में केन्द्र की सरकार ने बिहार के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया है और बिहार के साथ हकमारी की है। बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और पलायन सबसे अधिक है। न कल-कारखाना है और न ही उद्योग-धंधे हैं। किसानों की आय भी सबसे कम है। बिहार के लिए केन्द्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जे का चैप्टर क्लोज कर दिया है और बिहार को आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है और न ही विशेष पैकेज दिया जा रहा है, जिस कारण बिहार नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे फिसड्डी राज है। बिहार के साथ 20 सालों में किस तरह का व्यवहार किया गया है ये स्पष्ट रूप से दिखता है। बिहार में लोग परिवर्तन चाहते हैं और 20 साल पुरानी खटारा सरकार से लोग मुक्ति चाहते हैं। इन्होंने मिसाल देते हुए कहा कि किसान भी वही बीज पसन्द करते हैं जो रोपने के बाद बेहतर फसल दे। बिहार की जनता यह चाहती है कि उनके सुख-दुख में जो शामिल हो उसी के साथ खड़े रहे, क्योंकि बिहार के प्रति केन्द्र का व्यवहार किस तरह का है यह इसी से समझा जा सकता है कि बिहार नेे सबसे अधिक एमपी देकर केन्द्र में एनडीए सरकार बनवाया लेकिन बिहार की जगह गुजरात को सारी राशि दी जा रही है। ये नरेन्द्र मोदी की बिहार के प्रति सोंच का स्पष्ट झलक है।
इन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के परेशानी को देखते हुए आर्थिक दुश्वारी को दूर करने के लिए महागठबंधन की सरकार बनने पर माई-बहन मान योजना के तहत 2500 रूपया दिया जायेगा। वहीं गैस सिलेंडर 500 रूपये में, सामाजिक सुरक्षा, वृद्धा अवस्था पेंशन, दिव्यांगता पेंशन की राशि को 400 से बढ़ाकर 1500 रूपये की जायेगी और स्मार्ट मीटर की त्रुटियों को दूर कर 200 यूनिट बिजली फ्री दी जायेगी। बिहार में सौ प्रतिशत डेमोसाइल नीति लागू किया जायेगा और नौजवानों के लिए नौकरी और रोजगार के प्रति जो संकल्प है उसको हर स्तर पर पूरा किया जायेगा, जिससे कि लोगों को पलायन से मुक्ति मिले और बिहार खुशहाल हो, इसके लिए उद्योग और कल-कारखाने लगाये जायेंगे।
इन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष और आन्दोलन के साथ-साथ पंचायत स्तर तक राष्ट्रीय जनता दल की नीतियों को और लालू जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया जिससे कि गरीबों को हर स्तर पर भागीदारी मिल सके।
प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि इस अवसर पर अपने संबोधन से पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी घटना के मृतकों के प्रति शोक संवदेना प्रकट की और एक मिनट का मौन रखकर सभी लोगों ने खड़े होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। और मृतकों के आश्रितों और परिवार के साथ सहानुभूति का इजहार किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चौधरी, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव श्री अब्दुलबारी सिद्दिकी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री जयप्रकाश नारायण यादव, राज्यसभा सांसद श्री संजय यादव, पूर्व मंत्री श्री अशोक कुमार सिंह, श्री आलोक कुमार मेहता, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सतीश कुमार, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, पूर्व विधायक डॉ0 अनवर आलम, मुख्यालय प्रभारी श्रीमती मुकुंद सिंह, कुमर राय, जीतेन्द्र कुमार, उमेश यादव, शंभू नाथ, प्रणव कश्यप, विरेन्द्र कुमार, प्रदेश पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, जिला प्रधान महासचिव, प्रखंड अध्यक्ष, पंचायत अध्यक्ष सहित हजारों की संख्या में पंचायती राज प्रकोष्ठ के पंचायत से लेकर राज्यस्तर तक के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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