कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े जनसंगठनों की बैठक शनिवार को जनशक्ति भवन, पटना में हुई। बैठक में छात्र, नौजवानों, खेत मजदूरों, किसानों, संगठित व असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, स्कीम वर्करों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों को संगठित कर उनके ज्वलंत सवालों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में छात्र, नौजवानों, खेत मजदूरों, किसानों, संगठित व असंगठित छेत्र के मजदूरों, स्कीम वर्करों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, आदिवासियों पर हमले बढ़े हैं। देश में बेरोजगारी बढ़ी है। मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सका। 2014 के चुनाव से पहले वादा किया था कि प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियां दी जाएगी। अगर युवाओं की हितैषी होती तो 10 साल के शासनकाल में 20 करोड़ युवाओं को नौकरी मिल गया होता। इस सरकार में पूंजीपतियों की संपत्ति बढ़ी है तो गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। महंगाई आसमान छू रही है। शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। स्कीम वर्करों का शोषण किया जा रहा है। मोदी सरकार महिलाओं पर अत्याचार रोकने में पूरी तरह विफल है। एनसी आरबी के आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर दिन 86 बलात्कार होते हैं। वहीं नाबालिग बेटियों के साथ अपराध, दुष्कर्म और यौन शोषण की घटनाओं में 2019 से 2023 बीच 96 फीसद की वृद्धि हुई है। अल्पसंख्यक पर हमले बढ़े हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े जनसंगठनों की भूमिका काफी बढ़ जाती है। इतिहास गवाह है कि परिवर्तन की लहर पैदा करने में छात्र, नौजवान और महिलाओं की विशिष्ट भूमिका रही है। इनका मजबूत हस्तक्षेप तानाशाहों एवं अहंकारी सत्ताधारियों को बाहर करने में निर्णायक रहा है। सरकार के जनविरोधी नीतियों और अव्यवस्था के खिलाफ अनवरत संघर्ष, व्यापक, गोलबंदी और नयी पीढ़ी के भविष्य से जुड़े सवालों को लेकर चरणबद्ध आन्दोलन चलाने की आवश्यकता है। बैठक में आधार पत्र राज्य सचिव मंडल सदस्य रामचंद्र महतो ने पेश किया जबकि बैठक की अध्यक्षता विधायक सूर्यकांत पासवान ने की। बैठक को विभिन्न जन संगठनों के पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया।