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किशनगंज : फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन

सर्वजन दवा सेवन अभियान के लिए दवा के शत प्रतिशत कवरेज के लिए विशेष रणनीति अपनायी जा रही है। हाल ही में हुए स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में तय किया गया था कि 17 दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर बूथ लगाकर दवा का सेवन कराया जाएगा

किशनगंज, 08 अगस्त (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में फाइलेरिया के प्रसार को कम करने के लिए 10 अगस्त से डीइसी तथा एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी, जिससे प्रखंड के करीब 67 हजार घरो में दो वर्ष के ऊपर के लोगो को दवा खिलाई जाएगी। उक्त बातें सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय वेश्म में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीएफएआर) तथा जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान कही। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की महती भूमिका होगी। इस कार्यक्रम को मीडिया हर घर तक पहुंचाए। यह उनकी भी सामाजिक जिम्मेदारी है। सर्वजन दवा सेवन अभियान के लिए दवा के शत प्रतिशत कवरेज के लिए विशेष रणनीति अपनायी जा रही है। हाल ही में हुए स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में तय किया गया था कि 17 दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर बूथ लगाकर दवा का सेवन कराया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रयास करते हुए विशेष माइक्रो प्लान के अनुसार फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाएगा। सरकारी अस्पतालों के अलावा 27 अगस्त से 29 अगस्त तक सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत जिले में स्थित सभी सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में बूथ लगाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया जाएगा। इसके बाद 30 अगस्त से 5 सितम्बर के बीच एक सप्ताह का मॉप-अप राउंड चलाया जाएगा। मॉप-अप राउंड के दौरान छूटे हुए एवं इंकार किए हुए सभी लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा।मिडिया वर्कशॉप कार्यक्रम में भीबीडीसी पदाधिकारी डा. मंजर आलम एवं सहयोगी संस्था के पदाधिकारी, विभिन मिडिया के प्रभारी उपस्थित हुए। डा. मंजर आलम ने बताया कि दवा के सेवन से कुछ लोगों में प्रतिकूल प्रभाव भी देखने को मिलते हैं, वह मतली, चक्कर, हल्की बुखार के रूप में भी हो सकते हैं। इन दुष्प्रभावों से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह दुष्प्रभाव तभी होगा जब आपके अंदर माइक्रोफाइलेरिया होंगे। प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए प्रत्येक प्रखंड में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। जिसमें चिकित्सक और एंबुलेंस हमेशा मौजूद होंगे। प्रत्येक ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के पास रैपिड रिस्पांस टीम का नंबर मौजूद होगा। उन्होंने बताया कि यह दवा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों, गर्भवती स्त्रियों को नहीं खिलानी है और खाली पेट बिलकुल दवा नही खानी है। 10 अगस्त से जिले के ठाकुरगंज में संचालित होने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के लिए 174 टीम स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किया गया है। सभी टीमों में दो स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध रहेंगे। सभी टीम में स्थानीय आशा, आंगनबाड़ी कर्मी एवं वोलेंटियर्स को शामिल किया गया है। ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्रों में रहने वाले 3 लाख 6 हजार 189 लोगों को घर घर पहुंचकर फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए दवा सेवन कराया जाएगा। टीम निरीक्षण करते हुए छूटे हुए लोगों तक दवा उपलब्ध कराने के लिए 17 सुपरवाइजर नियुक्त किये गए हैं। प्रखंड स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा 10 अगस्त से अगले 14 दिन तक लोगों के घर-घर पहुंचकर फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवा सेवन कराया जाएगा। उसके बाद अगले 03 दिन छूटे हुए लोगों को दवा खिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में बूथ लगाया जाएगा। प्रखंड में कुल 174 बूथ बनाये जाएंगे। जहां से छूटे हुए लोगों को बुलाकर फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवा का सेवन करायी जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों को एमडीए कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए पूर्व से पूरी तरह से प्रशिक्षित करने और कार्यक्रम के दौरान उसके सफल क्रियान्वयन करने के लिए निर्देशित किया गया।

जन जागरूकता: मीडिया के जरिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फाइलेरिया के बारे में जानकारी फैलाना, ताकि लोग इस बीमारी के प्रति सजग हों और समय पर उपचार प्राप्त कर सकें।

सरकारी योजनाओं की जानकारी: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और मुफ्त दवाओं के वितरण के बारे में लोगों को सूचित करना।

सकारात्मक कहानियां: फाइलेरिया से प्रभावित लोगों की कहानियों को साझा करके, यह दिखाना कि सही समय पर उपचार से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।

मिथकों का खंडन: फाइलेरिया से जुड़े मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने के लिए सही जानकारी प्रदान करना।

समुदाय की भागीदारी: स्थानीय समुदायों को इस अभियान से जोड़ने के लिए मीडिया का उपयोग किया जा सकता है, ताकि सामूहिक प्रयास से इस बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सके।मिडिया वर्कशॉप के दौरान सिविल सर्जन ने बतया की सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि एमडीए अभियान के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सभी लोगों को सुरक्षित ढ़ग से दवा सेवन कराना सुनिश्चित करें। सभी नजदीकी अस्पताल को अभियान के दौरान एक्टिव अवस्था में रहना सुनिश्चित करना है और जरूरत पड़ने पर लोगों को मेडिकल सहायता ससमय उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि विद्यालयों में सभी बच्चों को दवा सेवन करने के विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी पहले से ही अवगत कराना सुनिश्चित करेंगें। सभी अधिकारियों और कर्मियों को रैपिड मोड में कार्य करते हुए निर्धारित समय में अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाना सुनिश्चित करेंगे। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में मीडिया की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। मीडिया जन जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है, जिससे लोगों को इस बीमारी की गंभीरता, इसके लक्षण, और उन्मूलन के तरीकों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

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