राजनीति

माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री द्वारा बागवानी महोत्सव, 2024 का किया गया शुभारम्भ…

गुड्डू कुमार सिंह:-माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री, बिहार श्री विजय कुमार सिन्हा ने आज कृषि विभाग द्वारा गाँधी मैदान, पटना में आयोजित बागवानी महोत्सव, 2024 का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सचिव, कृषि विभाग श्री संजय कुमार अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। माननीय मंत्री द्वारा ‘उद्यानिक फसल की खेती एवं प्रबंधन तकनीक’ पुस्तक एवं उद्यानिक फसलों का वार्षिक कैलेण्डर का विमोचन किया गया। इस महोत्सव में उद्यान से संबंधित कुल 50 सरकारी एवं गैर सरकारी ज्ञानवर्द्धक स्टाॅल लगाये गये हैं। इस महोत्सव में उद्यानिक पौध सामग्रियाँ के प्रदर्शनी के साथ-साथ बिक्री की भी व्यवस्था की गई है।

माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री द्वारा इस महोत्सव में समेकित बागवानी विकास मिशन के तहत् बेगूसराय के मृगेन्द्र मल्टी कोल्ड स्टोरेज को अनुदान का 35 लाख रूपये, मशरूम उत्पादन इकाई के लिए पटना के श्रीमती स्वाती राय तथा नवादा के श्री मनोज कुमार को अनुदान का 5-5 लाख का चेक और गया के श्री डायमंड कुमार को रेफ्रीजरेटर भान की चाबी के साथ अनुदान का 4.55 लाख का चेक प्रदान किया गया। इसी प्रकार, बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत् भण्डारी फीड्स प्राइवेट लि॰, मुजफ्फरपुर के श्री पंकज तथा एस॰पी॰डी॰ स्नैक्स इण्डस्ट्रीज एल॰एल॰पी॰, पटना के श्री सुजीत सिंघानिया को अनुदान के रूप में 37.50-37.50 लाख रूपये का चेक दिया गया।

माननीय मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में बागवानी से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बागवानी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। बिहार की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। कृषि राज्य के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्रिया-कलापों का आधार है। बिहार की अर्थव्यवस्था में बागवानी खासकर फल, सब्जी, मसाला की भूमिका अहम् है। बिहार में कुल 13.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी फसल की खेती होती है, जिसमें मुख्य रूप से फल की खेती 3.64 लाख हेक्टेयर, सब्जी की खेती 9.11 लाख हेक्टेयर तथा मसाला की खेती 0.39 लाख हेक्टेयर की जाती है।

उन्होंने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में बिहार एक अग्रणी राज्य है। यहाँ के किसानों ने इस मिथक को तोड़ा है, वैसे बागवानी फसल जो पारंपरिक रूप से बिहार में नहीं होते थे, आज किसान न केवल वैसे बागवानी फसलों की खेती कर रहे हैं, बल्कि दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। आज राज्य में स्ट्राबेरी, ड्रैगनफ्रूट, सेब आदि फलों की खेती की जा रही है। बागवानी फसलों में अच्छा उत्पादन के साथ कृषकों को उचित मूल्य मिले, उत्पाद का भंडारण हो, उसका प्रसंस्करण एवं मूल्यसंवर्द्धन हो, कृषि विभाग इस दिशा में कार्य कर रही है।

माननीय मंत्री ने आगे बताया कि केन्द्र सरकार बिहार के कृषि धरोहरों कतरनी चावल, शाही लीची, जर्दालू आम, मगही पान, मिथिला मखाना एवं मरचा धान को जी.आई. टैग प्रदान की है, जो बिहार की विशिष्टताओं को दर्शाता है। कृषि विभाग इन उत्पादों के विकास के लिए कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा बागवानी महोत्सव, 2024 का आयोजन किया गया है। मुझे खुशी है कि राज्य के प्रत्येक जिला से प्रगतिशील कृषक अपने-अपने प्रदर्शाें के साथ इस महोत्सव में भाग ले रहे हैं। बागवानी महोत्सव में प्रतियोगिता के साथ ही, तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया है, जहाँ किसान भाई-बहन बागवानी के क्षेत्र में नयी-नयी तकनीकी के संबंध में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे एवं अपनी समस्याओं का निराकरण भी प्राप्त कर सकेंगे। इस कार्यक्रम में राज्य के प्रगतिशील कृषकों को भी अपनी सफलता की कहानी बताने का मौका दिया गया है, जिससे राज्य के अन्य कृषकों को भी उनसे सीखने का मौका मिलेगा।
बागवानी महोत्सव में राज्य के करीब 700 कृषकों के द्वारा उद्यानिक फसलों के 16 वर्गों यथा सब्जी, मशरूम, फल, फल संरक्षण, शहद, पान के पत्ते, शोभाकार पत्तीदार पौधा गमला में, बोनसाई, जाड़े की मौसमी फूलों के पौधे गमले में, विभिन्न प्रकार के कैक्टस एवं सकुलेन्ट पौधा (गमला में), विभिन्न प्रकार के पाम प्रजाति के पौधे (गमला में), कटे फूल, कलात्मक पुष्प सज्जा, औषधीय एवं सुगंधीय पौधा, फल/सब्जी में नक्काशी, हैंगिंग बास्केट में लगभग 7500 प्रदर्श लगाये गये हैं। इसके अतिरिक्त इस महोत्सव में छत पर बागवानी फोटोग्राफ प्रतियोगिता, बच्चों के लिए फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता तथा क्विज का भी आयोजन किया गया है।

इन प्रदर्शों के मूल्यांकन हेतु कृषि के विशिष्ट संस्थानों से तीन-तीन वैज्ञानिकों का मूल्यांकन टीम बनाया गया है, जिनके अनुशंसा के आलोक में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया जायेगा। विजेताओं को प्रथम पुरस्कार 5,000 रूपये, द्वितीय 4,000 रूपये, तृतीय 3,000 रूपये एवं एक विशिष्ट पुरस्कार 10,000 रूपये का दिया जायेगा। सभी वर्गों के विभिन्न शाखाओं में सबसे अधिक पुरस्कार जितने वाले कृषक को श्रेष्ठ बागवान घोषित किया जायेगा तथा उन्हें विशिष्ट पुरस्कार तथा मोमेंन्टो से सम्मानित किया जायेगा। राज्य के इस महत्त्वपूर्ण आयोजन से किसान बन्धु निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे।

सचिव, कृषि विभाग श्री संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि बागवानी महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बागवानी के क्षेत्र में कार्य कर छुपी हुई प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। आज जब आमजन बागवानी महोत्सव में प्रदर्शों को देखेंगे तो कौतूहल से पूछेंगे कि क्या यह बिहार में उगाया जाता है घ् इस बागवानी महोत्सव में प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जो किसान भाई भाग ले रहे हंै, उनके लिए यह उतनी ही लाभकारी है और जो भाग नहीं ले रहे हंै, उनके लिए भी यह उतनी ही फायदेमंद है। किसान एक-दूसरे से सीखंे और समझंे, किसानों से किसानों तक के तकनीकी के हस्तातरण से बागवानी के क्षेत्र में नवाचार बिहार में दिखता है। आज मशरूम उत्पादन में बिहार देश में अग्रणी है, अन्य उद्यानिक फसलों में भी बिहार देश में शीर्ष 05 राज्यों में है, जैसे मखाना, लीची, आम, सब्जी उत्पादन आदि। साथ ही, बिहार में फूल का उत्पादन बढ़ा है और माँग भी। राज्य सरकार अपनी योजनाओं से बागवानी में नवाचार करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।

इस अवसर पर निदेशक उद्यान श्री अभिषेक कुमार, गुजरात के निदेशक उद्यान, श्री पी॰ एम॰ वघासिया, अपर निदेशक (शष्य) श्री धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक, बसोका श्री शंकर कुमार चैधरी, निदेशक, बामेती श्री आभान्शु सी॰ जैन, डाॅ॰ आर॰पी॰सी॰ए॰यू॰, पूसा, समस्तीपुर के निदेशक अनुसंधान डाॅ॰ ए॰ के॰ सिंह, संयुक्त निदेशक, उद्यान श्री राधारमण सहित अन्य पदाधिकारी/कर्मचारी एवं बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से आये किसानगण उपस्थित थे।

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