प्रमुख खबरें

रहस्यवादी कवि,समाज सुधारक और “कबीर पंथ” के संस्थापक संत कबीर जी के प्राकट्य दिवस पर बिहार विधान सभा के माननीय अध्यक्ष श्री नन्द किशोर यादव ने उन्हें कोटि कोटि नमन करते हुए भावभीनी भावांजलि अर्पित की है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/अंधविश्वास, जातिवाद और पाखंड के खिलाफ आवाज उठाने वाले संत कबीर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। उनके “दोहे” बौद्धिक और आध्यात्मिक संदेशों के साथ साथ शांति, सद्भाव और सभी धर्मों के बीच सामंजस्य के सूत्र पिरोते हैं। उनकी कालजयी रचनाएं सिख धर्म ग्रन्थ “गुरु ग्रंथ साहिब” में भी सम्मिलित हैं। संत कबीर की अनुराग सागर, कबीर ग्रंथावली, बीजक व साखी ग्रंथ जैसी अमर कृतियां आध्यात्मिक, वैचारिक और सामाजिक समरसता की अलख जगाती हैं। उनके द्वारा स्थापित “कबीर पंथ” आज भी अपने अनुयायियों के बीच धार्मिक सहिष्णुता और सौहार्द की परंपरा को आगे बढ़ाने हेतु समर्पित है।

 

 

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!