माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने आज राज भवन में ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य हों, सिर्फ औपचारिकता तक सीमित न रहें, समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें।

भारती मिश्रा:– उन्होंने टीबी उन्मूलन की दिशा में सी०एस०आर० के तहत सक्रियता से कार्य करने पर बल दिया। साथ ही कहा कि टीबी के मरीजों के उपचार के उपरांत उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किया जाय। राज्यपाल महोदय ने कहा कि अतिरिक्त पोषाहार, स्वच्छता आदि के क्षेत्र में ध्यान देकर एवं लोगों को जागरूक कर टीबी का उन्मूलन निर्धारित लक्ष्य के पूर्व किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों से कहा कि टीम भावना से योजना का क्रियान्वन इस प्रकार प्राभावी रूप से करें कि झारखण्ड राज्य सर्वप्रथम टीबी मुक्त राज्य बने। राज्यपाल महोदय ने कहा कि वे चाहते हैं कि झारखण्ड राज्य हर क्षेत्र में अग्रणी बने।
राज्यपाल द्वारा इस अवसर पर क्यूआर कोड अंकित ‘नि-क्षय मित्र’ बैज का विमोचन किया गया। यह अन्य को भी नि-क्षय मित्र बनने हेतु प्रेरित करेगा। बैठक में अवगत कराया गया कि राज्य में लगभग 1800 नि-क्षय मित्र हैं और 30 हजार से अधिक टीबी रोगी हैं। इस बार विश्व टीबी दिवस का थीम है- yes! We Can End TB.
उक्त अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी, डॉ० डी० धर्मा राव, राष्ट्रीय परामर्शी, प्रधानमंत्री टी०बी० मुक्त भारत अभियान डॉ०आदित्य सूद, सी०ई०ओ० विहारा इनोवेशन नेटवर्क, दिल्ली, श्री विवेक सरकार, टाटा स्टील फाउंडेशन, डॉ० अनुज भटनागर, डॉ० रंजीत प्रसाद समेत अन्य उपस्थित थे।