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किशनगंज : शहर में लगनी थीं 7500 लाइटें, कंपनी ने आधी लगाई, इनमें भी आधे खराब।

कंपनी ने दो साल में लगाए सिर्फ चार हजार पोल पर बल्ब, शेष पोल को छोड़ दिया गया। चार हजार पोल जहां बल्ब लगे वे सभी वीआईपी के घर या फिर दफ्तर या मुख्य बाजार क्षेत्र हैं। शेष पोल को छोड़ कर कंपनी लगभग एक वर्ष से गायब है।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, दुर्गापूजा शुरू हो गया। बाजारों में भीड़ बढ़ गई पर शहर की कई गलियों और आवासीय मोहल्लों में सड़कों पर अंधेरा है। कारण या तो यहां बिजली के खंभों पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी या लगी भी तो जल्द ही खराब हो गई। अभी स्थिति यह है कि मुख्य बाजार क्षेत्र में अगर स्ट्रीट लाइट खराब है तो उसे नगर परिषद द्वारा ठीक करवा दिया जाता है या फिर कोई अगर व्यक्तिगत रुचि लेकर नगर परिषद में भागदौड़ कर अपने घर या प्रतिष्ठान के सामने बिजली के खंभे पर लगी लाइट को ठीक करवा ले, तभी लाइट जलती है। शहर के 7500 बिजली के खंभों पर बल्ब लगाने की योजना थी। ईएसएल कंपनी ने आधे ही लगाए। इनमें भी आधे खराब हो गए। ठेकेदार कंपनी को खंभे पर लाइट लगाने के बाद उसे पांच वर्ष तक मेंटेनेंस भी करना था। अभी स्थिति यह है कि बल्ब लगने के तीन महीने बाद ही बल्ब या तो फ्यूज हो गए या तार जल गए, या अन्य कोई तकनीकी खराबी आ गई। अनुमानत: आधे से अधिक पोल पर लगे बल्ब नहीं जल रहे। इसकी मरम्मत करने वाला कोई नहीं। जबकि कंपनी को पांच वर्षों तक मरम्मत करने का दायित्व है। उत्तर दिनाजपुर से दिलावरगंज की ओर जाने वाली सड़क पर अधिकांश पोल पर लगे बल्ब खराब हैं। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि दरअसल उक्त कंपनी को राज्य स्तर से ही टेंडर मिला था। कई बार कंपनी को फोन पर बोला गया है। उन्होंने कहा कि कहीं से ऐसी कोई सूचना मिलती है तो उस पर नगर परिषद अपने संसाधन से लाइट बदलने का कार्य करती है। अब एक बार फिर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। सड़कों पर अंधेरा रहने का फायदा अपराधी उठा रहे हैं। हाल के दिनों में शाम ढलते ही पूरबपाली क्षेत्र में तीन बार महिलाओं से चेन छिनतई की वारदात हो चुकी है। अंधेरा रहने के कारण अपराधी घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। ईएसएल कंपनी किसी की नहीं सुन रही। दबंगई ऐसी कि तत्कालीन डीएम के द्वारा कई बार सख्त चेतावनी देते हुए शत प्रतिशत पोल पर बल्ब लगाने एवं उसका मेंटेनेंस करने का निर्देश दिया गया, लेकिन नतीजा अभी भी जस के तस है। नगर परिषद क्षेत्र में बिजली के खंभों पर बल्ब लगाने और उसके मेंटेनेंस का ठेका ईएसएल कंपनी को मिला था। इसके पूर्व शहर में बिजली के पोल का सर्वे कराया गया। शहर में बिजली पोल की संख्या 7500 है। सभी पोल पर बल्ब लगाने की जिम्मेदारी ईएसएल कंपनी को दिया गया। कंपनी ने दो साल में सिर्फ चार हजार पोल पर ही बल्ब लगाया। शेष पोल को छोड़ दिया। चार हजार पोल जहां बल्ब लगे। वे सभी वीआईपी के घर या फिर दफ्तर या मुख्य बाजार क्षेत्र हैं। शेष पोल को छोड़ कर कंपनी लगभग एक वर्ष से गायब है।

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