अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रगति पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव पर दिया जोर…
सेमीकंडक्टर डिवाइस डोमेन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर चर्चा
रांची : बीआइटी मेसरा (BIT Mesra) के इलेक्ट्रानिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग ने 7 से 11 मार्च तक न्यूरोएवोल्यूशन आधारित उन्नत सेमीकंडक्टर डिवाइसेस पर एक सप्ताह का शार्ट टर्म कोर्स (एसटीसी) आयोजित किया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन आर एंड डी भवन के सेमिनार हाल 1 में हुआ। सेमीकंडक्टर डिवाइस डोमेन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AIML) का पता लगाने के इच्छुक छात्रों और संकाय सहित पूरे देश से प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। आइआइटी बाम्बे, आइआइटी रूड़की, आइआइटी कानपुर, आइआइआइटीडीएम कांचीपुरम, आइआइटी पटना, बीबीएयू लखनऊ, दिल्ली विश्वविद्यालय, केकेडब्ल्यूएजी नासिक, कैडर डिजाइन और बीआइटी मेसरा जैसे संस्थानों के प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम की सफलता में सक्रिय रूप से योगदान दिया। मुख्य अतिथि प्रो. अशोक शेरोन ने विज्ञान के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस की महत्वपूर्ण भूमिका की जानकारी दी। साथ ही अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रगति पर उनके प्रभाव पर जोर दिया।
पीजी अध्ययन के डीन प्रो. एसएस सोलंकी ने विभिन्न डोमेन में अर्धचालकों के महत्व पर जोर दिया और अर्धचालक क्षेत्र में मस्तिष्क-प्रेरित कंप्यूटिंग की आवश्यकता की जानकारी दी। डा. संजय कुमार ने छात्रों के सीखने को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर उद्योग के आधुनिकीकरण में योगदान देने के लिए पाठ्यक्रम की क्षमता को दोहराया। छात्रों को देश की आवश्यकताओं के अनुरूप इस क्षेत्र में करियर पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के समन्वयक डा. पीपी दास और डा. दीप्ति गोला ने सेमीकंडक्टर उपकरणों के भीतर एआईएमएल के विकसित परिदृश्य में इसके महत्व पर जोर देते हुए पाठ्यक्रम के उद्देश्यों का अवलोकन प्रदान किया। एसटीसी प्रतिभागियों के ज्ञान और कौशल को समृद्ध करने का वादा करते देश में अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर उद्योग को आगे बढ़ाने के व्यापक लक्ष्यों के साथ संरेखित करता है। ईसीई विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. एसएस साहू के नेतृत्व में दूसरा सत्र शुरू हुआ। प्रतिभागियों को एआइ और मशीन लर्निंग का व्यावहारिक परिचय दिया गया। जिसमें इसके व्यावहारिक अनुप्रयोग भी शामिल थे। आइआइआइटीडीएम कांचीपुरम में ईसीई विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. केपी प्रधान उपस्थित रहे। उन्होंने सीएमओएस के माध्यम से और सीएमओएस आधारित उपकरणों से परे जैविक व्यवहार की नकल…विषय पर चर्चा की। वहीं आइआइटी (बीएचयू) में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डा. सत्यब्रत जीत ने ट्रांजिस्टर प्रौद्योगिकी के इतिहास और विकास के बारे बताया।
ये रहे मौजूद :
समारोह में प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया। जिनमें मुख्य अतिथि प्रो. अशोक शेरोन, संकाय मामलों के डीन, प्रो. एसएस सोलंकी, पीजी अध्ययन के डीन और ईसीई विभाग के एचओडी डा. संजय कुमार शामिल रहे। आयोजन समिति के सदस्य डा. जीके मिश्रा, डा. एसए प्रसाद, डा. आरके सिन्हा और कार्यक्रम समन्वयक डा. पीपी दास और डा. दीप्ति गोला, ईसीई विभाग के सहायक प्रोफेसर मौजूद रहे।