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नक्सलियों के गढ़ में विकास आ रहा पटरी पर, चुनाव भी भय मुक्त

नवेंदु मिश्र
हरिहरगंज: पलामू जिले के हरिहरगंज प्रखंड अंतर्गत और बिहार की सीमा से सटे सरसोत में विकास पटरी पर आ रहा है। बटाने नदी पर पुल बनाया जा रहा है। गांव को जोड़ने वाली दो प्रमुख सड़क भी बनने वाली है। हाल में संपन्न लोकसभा और विधानसभा का चुनाव भी हिंसामुक्त हुआ। गांव में भयमुक्त माहौल बनने से लोगांे में हर्ष है।
बताते चलें कि सरसोत का इलाका कभी नक्सलियों का गढ हुआ करता था। 1995 से लेकर 2000 के बीच कई बड़ी नक्सली घटनाएं हुई। स्कूल भवन उड़ा दिया गया था और कई ग्रामीणों की हत्या कर दी गयी थी। ऐसे में यहां ओपी बनाना पड़ा। वर्तमान में पथरा ओपी यहां कार्यरत है और क्षेत्र को सुरक्षित बनाने में लगातार प्रयासरत है।
गांव के गुड्डू सिंह, रंजीत कुमार, जितेन्द्र कुमार, संजय साव एवं अन्य ने बताया कि 10 वर्ष तक नक्सल गतिविधि झेलने के बाद इधर पांच वर्ष से गांव में शांति का माहौल है। पुलिस की मौजूदगी रहती है। नक्सलियों के भय से विधानसभा और लोकसभा चुनाव मंे असर पड़ता था। पहले की अपेक्षा इस वर्ष जहां शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव संपन्न हुआ, वहीं वोटिंग प्रतिशत भी दोगुनी हो गयी। इस बार के विधानसभा चुनाव मंे 70 प्रतिशत के आसपास मतदान हुआ। नक्सलियों के प्रभाव के कारण पहले 40 प्रतिशत वोंिटंग बड़ी मुश्किल से होती थी। लोकसभा के चुनाव में भी 60 प्रतिशत मतदान हुआ। पंचायत चुनाव में 80 प्रतिशत के आसपास वोट पड़े थे।
पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन ने की सार्थक पहल: अभिषेक मोनू सरसोत निवासी और समाजिक कार्यकर्ता अभिषेक सिंह (मोनू) ने लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हिंसामुक्त होने का श्रेय जिले की पुलिस कप्तान रीष्मा रमेशन को दिया है। उन्होेंने कहा कि तीन दशक बाद सरसोत समेत पूरे पलामू जिले में शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा और लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ। एसपी ने इसमें पूरी सक्रियता दिखाई। उनका गांव बिहार बॉर्डर से एकदम सटा हुआ है। नक्सली अक्सर घटना करने के बाद बिहार सीमा में प्रवेश कर जाते थे, लेकिन 2019 से पथरा ओपी के कार्य करने से नक्सली घटनाओं में कमी आयी है और विकास के कार्य किए जा रहे हैं।
फोटो: पथरा ओपी

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