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डीएम द्वारा राजस्व कर्मचारी को लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण किया गया *तत्काल प्रभाव से निलंबित*, अंचलाधिकारी पर भी 5,000/- रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया।।…

एक अन्य मामले में अंचलाधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी के विरूद्ध शोकॉज किया गया

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता; शिकायतों के निवारण में *स्वेच्छाचारिता, शिथिलता या असंवेदनशीलता* बर्दाश्त नहीं की जाएगीः डीएम-

लोक शिकायतों का *ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण* निवारण करने का डीएम ने दिया आदेश

त्रिलोकी नाथ प्रसाद– जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत *द्वितीय अपील* में शिकायतों की सुनवाई और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में *शिथिलता, संवेदनहीनता एवं अरूचि* प्रदर्शित करने के आरोप में *चार पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों* के विरुद्ध कार्रवाई की गयी। *एक राजस्व कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित, एक अंचलाधिकारी के विरूद्ध 5,000/- रुपये का अर्थदंड एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ, एक अन्य राजस्व कर्मचारी एवं अंचलाधिकारी के विरूद्ध स्पष्टीकरण किया गया।*

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत के कुल 32 मामलों की सुनवाई की, जिसमें 24 मामलों का निवारण किया गया तथा 08 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया।

दरअसल अपीलार्थी श्री रजनीश कुमार, पिता स्व. प्रमोद कुमार चौधरी, साकिन-ओ/77, डॉक्टर्स कॉलोनी, थाना-पत्रकार नगर, पोस्ट-लोहियानगर, अंचल-पटना सदर द्वारा *अंचलाधिकारी, पुनपुन* के विरूद्ध गलत तरीके से दाखिल-खारिज वाद को अस्वीकृत करने के संबंध में अपील दाखिल की गयी थी। परिवादी द्वारा सुनवाई में बताया गया कि हल्का कर्मचारी श्री अमित कुमार सिन्हा द्वारा मनमाने तरीके से एवं आर्थिक लाभ प्राप्त करने की नीयत से दाखिल-खारिज वादों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उनसे हल्का कर्मचारी द्वारा *रिश्वत स्वरूप 10,000/- रुपये की मांग की गई जिसे नहीं देने पर इनका दाखिल-खारिज नहीं किया जा रहा है।* साक्ष्य स्वरूप इनके द्वारा दाखिल-खारिज वाद संख्या 47275/2021-22 जो अमित कुमार सिन्हा कर्मचारी एवं सीआई के रूप में दिनांक 08.02.2022 को अस्वीकृत करने की अनुशंसा की गई तथा समान खेसरा का अवैध ढंग से 10,000/- रुपया की राशि लेकर पुनः आवेदन दिलाकर जमाबंदी कायम कर दाखिल-खारिज 48983/2021-22 को स्वीकृत किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि *उपलब्ध साक्ष्यों एवं स्थिति के मद्देनजर अपीलार्थी का कथन सत्य प्रतीत होता है*। अंचलाधिकारी, पुनपुन द्वारा एक मामले में पूर्व में जमाबंदी का आवेदन रद्द किया जाता है, पुनः बिना किसी आधार के उसी मामले में जमाबंदी कायम कर दी जाती है। यदि पंजी-2 में कोई विवरणी छूटी हुई है तो उसे दर्ज करने का अधिकार नियमानुसार भूमि सुधार उप समाहर्ता का है परन्तु अंचलाधिकारी द्वारा स्वेच्छाचारिता अपनाते हुए भूमि सुधार उप समाहर्ता के बिना आदेश के ही ऑनलाईन अपडेट कर दिया गया है। परिवादी द्वारा यह बताया गया कि इनके तीन फरीक में बांटने के उपरांत शिड्यूल विधिवत कायम है एवं *दो फरीक का दाखिल-खारिज पूर्व में किया गया है*। अपीलार्थी का यह कहना है कि *राजस्व कर्मचारी द्वारा 10,000/- रुपया घूस मांगी गयी एवं नहीं देने पर उनका वाद संख्या 49413/2022-23 अस्वीकृत कर दिया गया*। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लगभग 09 महीना से अधिक समय से इस मामले को लंबित रखा गया जबकि दाखिल-खारिज के लिए *अंचलाधिकारी को 75 दिन का पर्याप्त समय मिलता है।* उन्होंने कहा कि अभिलेखों के अवलोकन से ऐसा स्पष्ट होता है कि अंचलाधिकारी, पुनपुन द्वारा लोक शिकायत निवारण में शिथिलता बरती जा रही है। उन्हें *सेल्फ-रिस्पाँसिबिलिटि* पर काम करना चाहिए तथा तथ्यों पर आधारित अपने विवेक का प्रयोग कर राजस्व कर्मचारी के प्रतिवेदन की समीक्षा करते हुए गुण के आधार पर जमाबंदी कायम करनी चाहिए थी, परन्तु उनके द्वारा राजस्व कर्मचारी के असंगत रिपोर्ट को हू-ब-हू अनुमोदित करते हुए विरोधाभासी कार्य किया गया। यह घोर आपत्तिजनक है तथा अंचलाधिकारी के आचरण के विरूद्ध है। *डीएम डॉ. सिंह द्वारा इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्व कर्मचारी श्री अमित कुमार सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरूद्ध ‘‘प्रपत्र-क’’ गठित करने एवं विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने का निदेश दिया गया। अंचलाधिकारी, पुनपुन के विरूद्ध 5,000/- रुपये का अर्थदंड लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण करते हुए विभागीय कार्रवाई प्रारंभ करने का निदेश दिया गया*। साथ ही डीएम डॉ. सिंह द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता, मसौढ़ी को वर्तमान अंचलाधिकारी की पदस्थापन तिथि से किए गए सभी दाखिल-खारिज एवं एलपीसी मामलों की गहराई से समीक्षा करने, पंजी-2 की जाँच करने तथा पूर्व से लंबित मामलों के निष्पादन की स्थिति संबंधी सम्यक प्रतिवेदन *एक सप्ताह* के अंदर समर्पित करने का निदेश दिया गया। इस मामले की पुनः सुनवाई 28 जनवरी, 2023 को होगी।

एक अन्य मामले में परिवादी शारदा कुमार सिंह, लोदीपुर, लखनपुर, अंचल-पुनपुन, अनुमंडल-मसौढ़ी द्वारा राजस्व कर्मचारी श्री सुनील कुमार एवं तत्कालीन अंचलाधिकारी, पुनपुन श्री मृत्युंजय कुमार (वर्तमान में मसौढ़ी में पदस्थापित) के विरूद्ध दाखिल-खारिज वाद को लम्बे समय से लंबित रखने के कारण अपील दाखिल की गई थी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इस मामले में परिवादी को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है तथा लगभग 10 महीना से अधिक समय से उनके मामले को लंबित रखा गया है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दाखिल-खारिज के लिए अंचलाधिकारी को 75 दिन का पर्याप्त समय मिलता है। फिर भी अंचलाधिकारी, पुनपुन द्वारा वाद का निष्पादन नहीं किया गया। उन्होंने लोक शिकायत निवारण में शिथिलता बरतने के कारण राजस्व कर्मचारी श्री सुनील कुमार एवं तत्कालीन अंचलाधिकारी, पुनपुन श्री मृत्युंजय कुमार (वर्तमान में मसौढ़ी में पदस्थापित) से स्पष्टीकरण करते हुए अगली तिथि दिनांक 10 फरवरी, 2023 को सुनवाई में दोनों को स्वयं उपस्थित होकर पक्ष रखने का निदेश दिया। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं होगा तो *विलंब के लिए जवाबदेही तय कर दोनों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई* प्रारंभ की जाएगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि *लोक शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी*।

*डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।*

डीपीआरओ, पटना

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