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किशनगंज : सदर अस्पताल की व्यवस्था में जल्द देखने को मिलेगी नई-नई सुविधाएं : डीएम

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सदर अस्पताल के कायाकल्प के लिए समीक्षा बैठक।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, मिशन 60 दिवस की सफलता के बाद सदर अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। सदर अस्पताल के आधारभूत संरचना के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सहज व सुलभ बनाने से लेकर इसे व्यस्थित व सुसज्जित करने की कवायद को अंजाम दिया गया। वही इसी क्रम में सदर अस्पताल के स्वास्थ्य सुविधा को सुचारू रूप से चलाने के उद्धेश्य से स्वास्थ्य समीक्षा के लिए डीएम श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में सोमवार को बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा की जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सदर अस्पताल में सकारात्मक बदलाव करने को लेकर संकल्पित है। रंग-रोगन किए जाने के बाद सदर अस्पताल के भवन अंदर से बाहर तक चकाचक हो गए हैं। मरीजों के लिए नई सुविधाएं बहाल की गई है। मरीजों व उनके स्वजनों के बैठने के लिए ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में पर्याप्त जगह की व्यवस्था की गई है। एसएनसीयू में भर्ती शिशु के मां के ठहरने व बैठने की भी व्यवस्था की गयी है। ओपीडी में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है, जिसके माध्यम से मरीज एवं उनके स्वजनों को डाक्टर व कर्मी की ड्यूटी की जानकारी मिलती है। इस डिस्प्ले बोर्ड से अन्य कार्यक्रमों की जानकारी भी उन्हें मिल रही है। अस्पताल भवन की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। अस्पताल परिसर में पार्किंग का भी निर्माण करवाया जाएगा। वार्ड, शौचालय, यूरिनल आदि की मरम्मत की गयी है। अस्पताल परिसर में बागवानी पर भी ध्यान दिया गया है और कई मेडीसनल प्लांट लगाए गए हैं। अस्पताल परिसर में हर सुविधा को बेहतर करने का प्रयास जारी है। वही सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने सदर अस्पताल में अब नए डॉक्टरों के पदस्थापन से ओपीडी के साथ इएनटी, युरोलोजी, ऑर्थोपेडिक, मेडिसिन, सर्जरी आदि के लिए अलग रूम की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। सभी चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है जिसका जिलेवासियों को जल्द ही सुविधा प्राप्त होने लगेगी। समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी, डीपीएम डॉ मुनाजिम, आदि लोग उपस्थित हुए। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि डीएम के द्वारा लगातार निरीक्षण व अनुश्रवण का ही नतीजा है कि सदर अस्पताल में प्रसव के मद्देनजर रेफरल मामलों की संख्या काफी कम हो गई। सदर अस्पताल में कुल तीन महिला चिकित्सा उपलब्ध है जो की सिजेरियन करती है जिसे अब लगभग हर रोज यहां सिजेरियन ऑपरेशन हो रहे हैं। सदर अस्पताल में अब दलालों पर भी नकेल कसा जा रहा है। कोई मरीज व प्रसूता किसी दलाल के चंगुल में न फंसे, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। साफ-सफाई के अलावा अस्पताल परिसर की तस्वीर बदली हुई दिख रही है। अस्पताल में पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम लगाया गया है। इलाज के तौर-तरीकों में बदलाव आया है। सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पतालों में “मे आई हेल्प यू डेस्क” का संचालन, ओपीडी निबंधन काउंटर पर मरीजों की सहायता के लिये हेल्पर का इंतजाम, अस्पताल के प्रतीक्षालय में अनुमानित औसत उपस्थिति के आधार पर लोगों के बैठने का इंतजाम, टेलीवीजन, पंखा, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सहित अन्य जरूरी इंतजाम किये गये हैं। 24 गुणा 7 मोड में रक्त अधिकोष के संचालन, डिस्पले की माध्मय से रक्त व कंपोनेंटर की उपलब्धता का सार्वजनिक प्रदर्शन, मेडिकल कचरा प्रबंधन का उचित इंतजाम, अस्पताल संक्रमण समिति का गठन व बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन के लिये कर्मियों को प्रशिक्षित करने की योजना को निर्धारित मानक में शामिल किया गया है। अस्पताल भवन में जगह-जगह लगे अग्निशमन सिलेंडर का फिर से फीलिंग करवाया गया है। मरीज एवं उनके स्वजनों को कोई भी विभाग खोजने में दिक्कत न हो, इसके लिए हर जगह साईनेज बोर्ड लगाए गए हैं। अस्पताल में मिलनेवाली सभी चिकित्सा सुविधा मरीजों एवं स्वजनों को ससमय उपलब्ध हो सके, इसके लिए अस्पताल प्रबंधन लगातर प्रयास जारी है। कुल मिलाकर देखा जाय तो मरीजों के सुविधाओं में विस्तार होने से सदर अस्पताल बदला-बदला नजर आ रहा है।

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