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डीएम द्वारा पटना में जल-जमाव रोकने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-पहली भारी बारिश के साथ ही सभी संबंधित पदाधिकारी जल जमाव के दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्रों में रहेंगेः डीएमसम्प हाउस पर तैनात कर्मियों के रिस्पॉन्स टाईम की रियल टाईम मॉनिटरिंग करें:डीएम

सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच सुदृढ़ समन्वय एवं सार्थक संवाद की आवश्यकता पर डीएम ने दिया विशेष जोर जल-निकासी की सुगम व्यवस्था; सम्पूर्ण तंत्र इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्धः डीएम

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि शहर में जल-निकासी की सुगम एवं सुदृढ़ व्यवस्था है। जो भी छोटी-छोटी समस्याएं हैं उसे संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी तुरत दूर कराएंगे। इसके लिए नगर निकायों, बुडको, पथ निर्माण विभाग, नमामि गंगे, पुल निर्माण निगम सहित सभी कार्यकारी एजेंसियों के पदाधिकारियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करेंगे। डीएम डॉ. सिंह आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित एक बैठक में पटना शहर एवं उसके नजदीक के क्षेत्रों में जल-जमाव की स्थिति रोकने के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि की चरम स्थिति (एक्स्ट्रिम सिचुएशन) को ध्यान में रखकर प्रशासन द्वारा सभी तैयारी की गई है। मौसम विभाग की पूर्व सूचना के आधार पर रणनीति के अनुसार सभी पदाधिकारी सक्रिय रहेंगे। अतिवृष्टि की स्थिति में सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किया गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल-जमाव को रोकने के लिए ‘मॉनसून-टीम’ लगातार क्रियाशील रहेगी। इस टीम में नालों के निरीक्षण दलों के पदाधिकारी एवं संबंधित विभागों के पदाधिकारी शामिल हैं। पहली भारी बारिश के साथ ही इसके सभी सदस्य जल-जमाव प्रवण क्षेत्रों में रहेंगे, जल-निकासी का अनुश्रवण करेंगे तथा जल-जमाव को रोकने के लिए हर संभव कार्रवाई करेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि नालों के साथ-साथ सम्पूर्ण नेटवर्क यथा ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन, सड़क, पुल सहित पूरे कैचमेंट एरिया पर नजर रखें ताकि सुगम जल प्रवाह में कोई व्यवधान न हो।

इस बैठक में अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन श्री संतोष कुमार झा द्वारा जल-जमाव रोकने हेतु कृत कार्रवाई के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। नगर निगम द्वारा तैयारियों के संबंध में पीपीटी दिखाया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने संबंधित विभागों एवं कार्यकारी एजेंसियों के बीच सुदृढ़ समन्वय एवं सार्थक संवाद की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, नगर निगम, बुडको, मेट्रो, पथ निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, पुल निर्माण निगम, एनएचएआई, गेल, जल संसाधन विभाग, भवन निर्माण विभाग सहित सभी घटकों के बीच समन्वय एवं संचार कायम रहना चाहिए। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल जमाव की समस्या को रोकने हेतु संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी अपने-अपने स्तर पर नगर कार्यपालक पदाधिकारियों, तकनीकी विभाग के अभियंताओं तथा अन्य के साथ नियमित तौर पर समन्वय बैठक करेंगे तथा अपेक्षित कार्रवाई करेंगे ताकि अधिक वर्षा की स्थिति में सुगम जल निकासी में कोई समस्या न हो। उन्होंने कहा कि स्थिति के अनुसार तुरत रिस्पॉन्ड करना अनिवार्य है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना में जल जमाव रोकने के लिए पूर्व में भी प्रमडंलीय आयुक्त महोदय एवं उनके स्तर से अनेक बैठकें हुई है। वे लगातार क्षेत्र भ्रमण कर स्थितियों का जायजा लेते हैं। जिला प्रशासन, नगर निगम, बुडको एवं अन्य सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया गया है एवं मानदंडों के अनुसार निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। यह प्रशंसनीय है। सभी को सतर्क रहना पड़ेगा। कार्य-योजना के अनुसार लगातार कार्रवाई अपेक्षित है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।

कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल, पटना नगर निगम द्वारा डीएम डॉ. सिंह के संज्ञान में लाया गया कि 14 जून को नालों के जाँच के दौरान जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निदेश के आलोक में सर्पेन्टाईन बोरिंग रोड नाला तथा इको पार्क सम्प हाउस-3 के नजदीक नाला में लोहे का ग्रेटिंग लगाकर कचड़ों को रोकने की कार्रवाई की गई है। जल प्रवाह सुचारू रखा जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया कि पटना नगर निगम के कंकड़बाग अंचल के चाणक्य नगर में न्यू बाईपास की तरफ जाने वाले नाले को चैम्बर से जोड़ने के लिए लगभग 100 फीट का कनेक्टिंग नाला 48 घंटा के अंदर निर्माण करें। उन्होंने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों को निदेश दिया कि करबिगहिया में नाला जोड़ने के 20 फीट शेष काम को 24 घंटा में पूरा करें। उन्होंने बुडको के कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया कि बांकीपुर अंचल में आर.के. एवेन्यू सम्प हाउस में 220 एचपी का सबमर्सिबुल मशीन लगाने के कार्य को प्रावधानों के अनुसार शीघ्र पूर्ण करें। डीएम डॉ. सिंह ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता को बादशाही पईन में जल प्रवाह पर लगातार नजर रखने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मॉनसून के पहले बड़े नालों की जाँच, नाला उड़ाही एवं सफाई व्यवस्था को युद्ध स्तर पर पूर्ण किया गया है। नालों की एंड-टू-एंड सफ़ाई की गयी है। उन्होंने निदेश दिया कि नाला की अद्यतन स्थिति, जल निकासी के संसाधनों की क्षमता एवं उपयोगिता तथा तकनीकी पहलुओं का लगातार अनुश्रवण करें। डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि जल-जमाव को रोकने हेतु जो कार्य बच गए हैं उसे शीघ्र पूर्ण कर लें। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारियों को नियमित तौर पर स्थल भ्रमण करने का निदेश दिया। उन्होंने जल-जमाव के दृष्टिकोण से संवेदनशील स्थानों पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) को सक्रिय रखें। ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन (डीपीएस) की लगातार जाँच करें। मॉकड्रिल के द्वारा सम्प हाउस पर तैनात कर्मियों के कार्यों के रिस्पॉन्स टाईम की रियल टाईम मॉनिटरिंग करें। यह सुनिश्चित करें कि सभी सम्प हाउस लगातार क्रियाशीलता की स्थिति में रहे। किसी भी डीपीएस पर इनलेट एवं आउटलेट में कोई समस्या नहीं हो। अस्थायी जल निकासी के वैकल्पिक उपायों को क्रियाशील रखें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल-जमाव के मुख्य कारणों में से एक कम समय में अधिक वर्षा होना है। वर्ष 2019 में इस प्रकार की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई थी जब 48 घंटा में 350 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हुई थी। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि होने की स्थिति में जल-जमाव रोकने के लिए सभी ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन (डीपीएस) पर पम्प कार्यरत रहना चाहिए। डीपीएस में कोई भी यांत्रिक या विद्युत त्रुटि नहीं रहनी चाहिए। बिजली आपूर्ति में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। पम्प का ससमय संचालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। डीपीएस की जल निकासी क्षमता आवश्यकता के अनुरूप होनी चाहिए। नाला जाम न हो एवं नालों का ओवरफ्लो न हो, इसके साथ-साथ नालों को अतिक्रमणमुक्त रखना तथा क्षतिग्रस्त नालों की मरम्मति भी आवश्यक है। डीएम डॉ. सिंह ने बुडको तथा नगर निगम को इन सभी मानकांे का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार जल-जमाव को रोकने के लिए सतत सक्रिय रहें। मैनहॉल को ऊँचा रखना तथा सभी मैनहॉल की नियमित रूप से सफाई करना, डीपीएस पर अधिष्ठापित पम्प, मोटर, ट्रान्सफॉर्मर, पैनल आदि का प्लेटफॉर्म ऊँचा रखना, वर्तमान में संचालित डीपीएस पर अधिष्ठापित पम्प, मोटर, ट्रान्सफॉर्मर, पैनल आदि का क्षमतावर्द्धन करना आदि पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मोबाइल मरम्मति दल डीपीएस पर अधिष्ठापित पम्प, मोटर, ट्रान्सफॉर्मर, पैनल आदि की तत्काल मरम्मति हेतु सदैव उपलब्ध रहे, यह सुनिश्चित करें। निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति हेतु डेडिकेटेड सोर्स का प्रबंध सुनिश्चित करें। सभी डीपीएस पर सभी प्रकार का आवश्यक स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध रहे। प्रतिनियुक्त अभियंताओं के कार्यों का नियमित पर्यवेक्षण सुनिश्चित करें।

नगर आयुक्त, पटना नगर निगम श्री अनिमेष कुमार पराशर द्वारा नगर निगम की तैयारियों एवं व्यवस्था के संबंध में पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रिजेंटेशन दिया गया। उन्होंने बताया कि नगर निगम के सभी अंचलों द्वारा नालों के संबंध में नवीनतम सर्वे करते हुए कार्य योजना का निर्माण किया गया है। इसके अनुसार 12 फरवरी से कार्य आरंभ कर सभी अंचलों में बड़े-छोटे नालों की सफाई सहित सभी मैनहॉल तथा कैचपिट की उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है। मुख्यालय स्तर पर स्थापित 24/7 नियंत्रण कक्ष (155304) से आम नागरिकों से प्राप्त होने वाले शिकायतों का ससमय निवारण किया जाता है। नियंत्रण कक्ष में प्राप्त शिकायतों के निवारण का लगातार अनुश्रवण किया जाता है। पटना नगर निगम द्वारा शहर के डीपीएस की रियल टाईम मॉनिटरिंग की जा रही है। वाटर लेवल, पानी का फ्लो सहित अन्य प्रकार की मॉनिटरिंग की जा रही है। मॉनसून के दौरान विशेष निगरानी रखी जाएगी। मॉनिटरिंग के लिए पटना स्मार्ट सिटी की आईसीसीसी (इंटिग्रेटेड कंट्रोल एण्ड कमांड सेन्टर) से इसे कनेक्ट किया गया है। नगर निगम के 75 वार्डों को 19 जोन में बांटकर मॉनसून के दौरान जल-जमाव की समस्या को रोकने के लिए क्यूआरटी की प्रतिनियुक्ति की गई है। मॉनसून के दौरान सम्प हाउस के निकट ग्रेटिंग की सफाई हेतु मानव बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। सम्प हाउसों की निगरानी हेतु कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

डीएम डॉ. सिंह ने बुडको द्वारा संचालित ड्रेनेज पंपिंग स्टेशनों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। बुडको द्वारा कुल 56 स्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन संचालित है। 28 अस्थायी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन का संचालन मॉनसून अवधि में पटना शहर के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। डीपीएस के कुल पम्पों की संख्या 325 है जिसमें 255 स्थायी डीपीएस तथा 70 अस्थायी डीपीएस के पम्पों की संख्या है। विद्युत चालित पम्प 257 तथा डीजल चालित पम्प 68 है। विभिन्न पम्पिंग प्लांट पर ई-सर्विलांस(सीसीटीवी कैमरा) के अधीन तीन पालियों में पर्याप्त संख्या में पम्प ऑपरेटर तथा सफाई कर्मी 24/7 कार्यरत हैं। बुडको हेडक्वार्टर पर कंट्रोल रूम (1800-3456130, 0612-2557984, 0612-2557989, 0612-2557987) से 24/7 अनुश्रवण किया जा रहा है। सभी 56 डीपीएस पर सीसीटीवी कैमरा का अधिष्ठापन किया गया है एवं बुडको हेडक्वार्टर स्थित कंट्रोल रूम से इसकी सतत निगरानी की जाती है। सभी 56 डीपीएस पर मॉनसून अवधि के लिए सहायक अभियंताओं एवं कनीय अभियंताओें को तैनात किया गया है। मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता को मॉनसून अवधि के लिए अनुश्रवण हेतु जोनल, सब जोनल तथा सुपर जोनल स्तर पर प्रतिनियुक्त किया गया है। सभी डीपीएस पर तीनों पाली में 24/7 संवेदक एवं बुडको के पम्प ऑपरेटर तथा सफाई कर्मी कार्यरत हैं। पम्पों की मरम्मति एवं संपोषण कार्य किया गया है। बुडको के पम्प संचालकों, सफाई कर्मियों, इलेक्ट्रिशियन, फिटर तथा संवेदकों के लिए बायोेमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य है।

डीएम डॉ सिंह ने सभी कार्यकारी एजेंसियों को सड़कों को मोटरेबल रखने एवं जल-निकासी को सुगम रखने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने हेतु सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग एवं तत्पर है।

इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम श्री अनिमेष कुमार पराशर, पुलिस अधीक्षक पूर्वी श्री संदीप सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर/सिटी/दानापुर, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन श्री संतोष कुमार झा, अपर नगर आयुक्त, नालों के निरीक्षण दलों के पदाधिकारी, तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंतागण एवं अन्य भी उपस्थित थे।

 

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