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किशनगंज : गायत्री यज्ञ उपासना का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण है-मिक्की साहा

आमबाड़ी में 51 कुण्डीय नव चेतना गायत्री महायज्ञ एवं विराट संस्कार महोत्सव का कार्यक्रम विधिवत पूर्वक संचालित।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय गायत्री महायज्ञ पूरी भव्यता के साथ टेढ़ागाछ प्रखण्ड के चिल्हनियाँ पंचायत के सुहिया आमबड़ी में 51 कुण्डीय नव चेतना गायत्री महायज्ञ एवं विराट संस्कार महोत्सव का कार्यक्रम विधिवत पूर्वक संचालित है। द्वितीय दिन शान्तिकुंज से पधारे विद्वानों के द्वारा वैदिक मंत्रों से देव आह्वान एवं देव पूजन कराया। इस दौरान टोली नायक ने कहा कि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि गायत्री मंत्र के समान कोई मंत्र नहीं है। हवन के जरिए लोगों ने विश्व समृद्धि, सुख शांति और बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए आहुतियां दी। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की तरफ से समय समय पर ऐसे आयोजन किये जाते रहते हैं और लोगों को युग निर्माण समाज के कल्याण जोड़ने की कोशिश की जाती है। आस पास के क्षेत्रो और अन्य प्रखंड से गायत्री परिजन यज्ञ में सम्मिलित हो रहे है। भक्तों की अपार भीड़ दिखाई पड़ता है। संध्या कालीन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भजन और प्रवचन सुनने को आते है। सभी के लिये आयोजन समिति के द्वारा बैठने और महाप्रसाद सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। यज्ञ स्थल में गुरुवार को पूर्व विधायक सिकन्दर सिंह का आगमन हुआ। गायत्री परिवार के ट्रस्टी मिक़्क़ी साहा ने मंत्र चादर देकर उनका स्वागत किया। साथ ही यज्ञ स्थल में हवन कर विश्व के शांति के लिये प्रार्थना किया। ट्रस्टी मिक़्क़ी साहा ने कहा कि गायत्री यज्ञ उपासना का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण है। उन्होंने बताया कि वेद, पुराण और आयुर्वेदिक ग्रंथों में स्वास्थ्य रक्षा के लिए अनेक मंत्रों व उपायों का उल्लेेख है। वैदिक काल के ये मंत्र, यज्ञ और उपाय आज भी अचूक हैंं। गायत्री मंत्र का उच्चारण वातावरण को शुद्ध, शांत और आध्यात्मिक बनाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रख यह आयोजन किया जा रहा है। साथ ही टेढ़ागाछ आयोजन समिति के द्वारा बेहतर व्यवस्था किया गया है लोग दूर दूर से यज्ञ में शामिल हो रहा है। इस अवसर पर टोली नायक राम तपस्या, गायक गुण सागर राणा, तबला बादक कमल चौहान, रामवरन सिंह लखन लाल पंडित, पूरन लाल माझी, तुलसी सिंह, बागेश्वर सिंह, झड़ी लाल सिह, बेणी माधव सिंह, बृजमोहन सिंह, हरिश्चंद्र सिंह, विनय प्रसाद सिंह, अनिरुद्ध प्रसाद सिंह, गोपाल सिंह, बसन्त कुमार, मोहन कुमार, प्रवीर प्रसुन्न, गौरी शंकर त्रिमूर्ति एवं स्थानीय लोग युवा व गायत्री परिजन मौजूद थे।

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