राज्य

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का डीएम ने दिया निदेश॥

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –पटना, मंगलवार, दिनांक 26.09.2023ः अध्यक्ष, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। वे आज समाहरणालय स्थित सभागार में जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में पदाधिकारियों तथा नवगठित कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाए। जिला पशु क्रूरता निवारण समिति इसकी निगरानी कर प्रभावी ढ़ंग से अनुपालन सुनिश्चित करे।
इस बैठक में सदस्य सचिव, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति-सह-जिला पशुपालन पदाधिकारी, पटना डॉ. अरूण कुमार द्वारा आज की बैठक में एजेंडावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। आम सभा के माध्यम से चार-सदस्यीय कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया। समिति में इस क्षेत्र में सक्रिय तथा समर्पित सदस्यों को रखा गया है। साथ ही साथ सरकार से प्रशिक्षित विशेषज्ञ को समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर मनोनीत किया गया है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा सभी प्रखंडों से सक्रिय तथा जमीनी स्तर पर काम करने वाले संस्थाओं एवं व्यक्तियों को समिति से जोड़ने का निदेश दिया ताकि प्रावधानों का उल्लंघन करने वालो की सूचना अचूक रूप से प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर थाना प्रभारी तथा प्रखंडों एवं अंचलों के अधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे एवं आवश्यकतानुसार विधि-सम्मत कार्रवाई करेंगे।
जिलाधिकारी ने सभी प्रखंडों, अनुमण्डलों तथा जिला मुख्यालयों में पशु हाटों, पशु अस्पतालों तथा भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के प्रावधानों का वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण एवं पशु राहत की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित की गयी है। पशुओं का बुरी तरह से रख-रखाव करना, ज्यादा बोझ डालना, बीमार या कम उम्र के पशुओं से काम लेना इत्यादि पशु क्रूरता के अर्न्तगत आता है। पशुओं के भी कुछ सामान्य अधिकार है। हमें सभी प्राणियों के प्रति करूणा एवं सहानुभूति रखनी चाहिए। किसी भी पशु को मारना, घायल करना या लावारिस छोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि जिला पशु क्रूरता निवारण समिति बीमार पशुओं की चिकित्सा की उचित व्यवस्था सरकारी अस्पतालों के माध्यम से करेगी। पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु जन-जागरूकता उत्पन्न करने के लिए लोगों को बैनर/पोस्टर के माध्यम से आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएगी तथा नियमित तौर पर सेमिनार एवं गोष्ठी करेगी।
जिलाधिकारी ने प्रावधानों के अनुसार नियमित तौर पर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति, कार्यकारिणी समिति तथा आम सभा की बैठक बुलाने का निदेश दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button