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किशनगंज : आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाईजरी का आमजनों के बीच कराएं व्यापक प्रचार-प्रसार : जिलाधिकारी

हीट वेब तथा अगलगी की घटनाओं से निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ रखने का निर्देश।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि गर्मी के मौसम प्रारंभ होते ही जिले के कई स्थलों पर अप्रिय घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। हीट वेब तथा अगलगी की घटनाओं से निपटने हेतु सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ रखी जाय ताकि त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए जान माल की क्षति होने से रोका जा सके। उक्त बातें समाहरणालय सभागार में आहूत आपदा प्रबंधन की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि अग्निकांड पीड़ितों को तुरंत अनुमान्य सहायता यथा-पॉलिथिन शीट, नकद अनुदान तथा वस्त्र एवं बर्तन के लिए अनुदान की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। इस कार्य में तनिक भी लापरवाही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अत्यधिक गर्मी से संबंधित घटनाओं के पर्यवेक्षण एवं सहायता कार्य के अनुश्रवण हेतु जिलास्तर पर आपातकालीन संचालन केन्द्र को अविलंब कार्यशील कर दिया जाय। आपातकालीन संचालन केन्द्र में सभी आवश्यक संसाधन यथा-टेलीफोन, फैक्स, पदाधिकारी, कर्मी, रजिस्टर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। साथ ही, आपातकालीन संचालन केन्द्र का दूरभाष नंबर 06456225152 का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाय ताकि अग्निकांड की स्थिति में जिलेवासी सूचना दें सकें और जिला प्रशासन त्वरित गति से राहत कार्य में जुट जाय। उन्होंने कहा कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों तथा कर्मियों को सभी आवश्यक संसाधनों के साथ हमेशा अलर्ट मोड में रहना है। अगर कोई फायर ब्रिगेड की गाड़ी खराब है तो तुरंत इसकी मरम्मति करा ली जाय। साथ ही, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां सुदूर इलाकों में समय पर पहुंच सकें, इसके लिए यथा संभव अनुमंडल मुख्यालयों, थानों में गाड़ियों को रखने की व्यवस्था कर ली जाय। सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि सभी सरकारी अस्पतालों में अग्निकांड से पीड़ित व्यक्तियों के समुचित इलाज की सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय। साथ ही आवश्यक दवाईयों सहित डॉक्टर, कर्मी की रोस्टर वाइज उपस्थिति, एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।वीसी से जुड़े अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अपने क्षेत्र में अग्निकांड की रोकथाम हेतु विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाना सुनिश्चित करेंगे। पीड़ित को तुरंत राहत प्रदान करें। इसके साथ ही आगजनी से बचाव हेतु अन्य उपायों को व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार द्वारा आगजनी से बचाव हेतु जारी क्या करें-क्या नहीं करें का विभिन्न माध्यमों से प्रचारित-प्रसारित कराया जाय।

क्या करेंः स्टोव या लकड़ी, गोइठा आदि के जलावन वाले चूल्हे पर खाना बनाते समय सावधानी बरतें। हमेशा सूती वस्त्र पहनकर ही खाना बनावें।गेहूं ओसानी का काम हमेशा रात में तथा गांव के बाहर खलिहान में जाकर करें। घर व खलिहान पर समुचित पानी व बालू की व्यवस्था रखें। खाना पकाते समय रसोईघर में वयस्क मौजूद रहें, बच्चों को अकेला न छोडें। खिड़की से स्टोव के बर्नर तक हवा न पहुंच पाए, इस बात की पूरी तसल्ली कर लें। सरकारी सहायता पाने के उदेश्य से जान बूझकर अपनी सम्पति में आग लगाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने में प्रशासन की मदद कर जागरूक नागरिक अवश्य बनें। तौलिये या कपड़े का इस्तेमाल सावधानी से गर्म बर्तन उतारने के लिए करें। तैलीय पदार्थ से लगी आग पर पानी न डालें या सिर्फ बेकिंग सोडा, नमक डालें या उसे ढंग दें। खिड़की के बाहर कोई चादर या तौलिया लटका दें ताकि बाहर लोगों को पता चल सके कि आप कहां हैं और आपको मदद चाहिए। गैस चूल्हे का इस्तेमाल करने के तुंरत बाद सिलिंडर का नॉब तुरंत बंद कर दें। बिजली तारों एवं उपकरणों की नियमित जांच करें। घर में अग्निशमन कार्यालय तथा अन्य आपातकालीन नंबर लिखा हुआ हो और घर के सभी सदस्यों को इन नंबरों के बारे में पता हो। आग लगने पर दमकल विभाग को फोन करें और उन्हें अपना पूरा पता बतायें फिर दमकल विभाग जैसा कहें वैसा ही करें।

क्या न करेंः बच्चों को माचिस या आग फैलाने वाले एवं अन्य सामानों के पास न जाने दें।बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि पीकर जहां-तहां न फेंके, उसे पूरी तरह बुझने के बाद ही फेंके। चूल्हा, मोमबत्ती, कपूर आदि जलाकर न छोड़ें। अनाज के ढ़ेर, फूस या खपड़ैल की झोपड़ी के निकट अलाव व डीजल इंजन नहीं चलाएं। सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ न ले जाएं।आपके कपड़े में अगर आग लग जाए तो दौड़ना नहीं चाहिए बल्कि जमीन पर लेटकर गोल-गोल कर आग बुझावें। खाना बनाने के समय ढ़ीले-ढ़ाले कपड़े न पहनें। अग्नि दुर्घटना के दौरान कभी भी लिफ्ट का प्रयोग नहीं करें। गैस की दुर्गंध आने पर बिजली के स्वीच को न छुएं। खाना पकाते समय रसोईघर में बच्चों को अकेला न छोड़ें।

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