District Adminstrationताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़भ्रष्टाचारराज्य

सहरसा : अधिकारी भाड़े के इस कार्यालय में प्रतिवर्ष करते है खानापूर्ति।

सहरसा/धर्मेन्द्र सिंह, अनुमंडल मुख्यालय सिमरी बख्तियारपुर स्थित ग्रामीण कार्य विभाग का प्रमंडलीय कार्यालय हैरतअंगेज कारनामे से इन दिनों सुर्खियों में है। उक्त कार्यालय के अधीन पांच प्रखंड सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ, बनमा ईटहरी, सोनवर्षाराज एवं पतरघट है। जहां प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सड़क निर्माण की बावत करोड़ों की योजनायें चलती है। बावजूद इस विभाग को एक अदना सा कार्यालय नसीब नही है। हां, अस्थायी तौर पर प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये की राशि पर एक भाड़े के कबूतर खाना जैसे मकान में दिखावे के लिये कार्यालय संचालित है। जहां प्रतिदिन मात्र छह चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी पूरे दिन कार्यालय में बैठ झाल बजाकर चलते बनते हैं। दुनियां का सातवां आश्चर्य यह है की उक्त छह चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी अपने पदाधिकारियों के नाम जानने की बात तो दूर चेहरा से भी नही पहचानते हैं। ये हाकिम लोग उक्त भाड़े के कार्यालय में सिर्फ 15 अगस्त व 26 जनवरी को आधा घंटे के लिये पहुंच राष्ट्रीय ध्वज फहराकर चलते बनते हैं। प्रतिवर्ष इस कार्यालय में सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। इस कार्यालय में पदस्थापित सभी पदाधिकारी अब तक जिला मुख्यालय स्थित आवास में बैठ बाइक की डिक्की, साइकिल के झोले में रख व ढाबे में बैठ करोड़ों रुपये की योजनाएं संचालित की जाती रही है। जिस कारण संचालित योजनाओं की देख रेख नही हो पाने से संवेदक का बल्ले बल्ले रहता है। अगर निर्मित व संचालित योजनाओं की उच्च स्तरीय जांच हो तो जांच कर्ता के ब्रेन का फ्यूज उड़ जायेगा। बहुत सारी योजनाओं में एक टिकट पर दो खेल किया गया है। कार्य योजना के बोर्ड पर योजना का नाम है कुछ, कार्य किया गया है कहीं और। इस क्षेत्र में निर्मित व संचालित योजनाओं में प्राक्कलन की धज्जी उड़ाते हुए सिर्फ खाना पूर्ति की गई है व की जाती है। क्षेत्र के लोग सुझाव व शिकायत के लिये यहां के कार्यालय आते हैं तो सिर्फ चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ही मिलते हैं। पदाधिकारी के नही मिलने पर वापस चले जाते हैं। अंत मे ग्रामीण थक हारकर आक्रोश में योजना स्थल पर ही विभाग के विरुद्ध नारेबाजी व प्रदर्शन कर गुस्से का इजहार कर देते हैं। अब क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है की जब हमलोगों की समस्या नही सुनी जाती है तो कुम्भकर्णी नींद में सोये पदाधिकारी को जगाने के लिये पूरा दिन एन.एच.107 को जाम करने के अलावे अब कोई दूसरा रास्ता नही बचा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button