District Adminstrationकिशनगंजब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

किशनगंज : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिये दृढ़ संकल्प व जिम्मेदारी पूर्वक करें काम : प्रभारी जिलाधिकारी

स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक में सेवाओं के सुधार व विस्तार पर जोर

  • मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में जिला दूसरे स्थान पर

किशनगंज, 10 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा रही है। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण को लेकर किये जा रहे विभागीय प्रयासों के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी स्पर्श गुप्ता की अध्यक्षता में रचना भवन डीआरडीए में शनिवार को आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। जून महीने में संचालित सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे के तहत संचालित कार्यक्रमों सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए प्रभारी डीएम ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। बैठक में प्रभारी सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्ह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार, डीपीएम डा० मुनाजिम , डीपीसी विश्वजीत कुमार, एसएमसी एजाज एहमद, एसएमओ डा० अनिशुर रहमान, सीफार के जिला समन्वयक, सीडीपीओ , महिला पर्यवेक्षिका, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद रहे। एएनसी जांच संबंधी मामले की समीक्षा के क्रम में कमतर प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रभारी डीएम स्पर्श गुप्ता ने सभी पीएचसी प्रभारी को इसमें सुधार को लेकर कड़े निर्देश दिये। प्रथम तिमाही में जहां 69 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच संभव हुआ। वहीं चतुर्थ एएनसी की उपलब्धि 77 फीसदी रही है। संस्थागत प्रसव संबंधी मामलों में उपलब्धि 36 प्रतिशत रहा है। नियमित टीकाकरण मामले में अपेक्षित सुधार की जानकारी बैठक में दी गई। इसी तरह बीते मई माह में कुल 2354 वीएचएसएनडी साइट संचालित करते हुए इसके माध्यम से जरूरी सेवाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाये जाने की जानकारी बैठक में दी गयी। जिले में 14 स्थानों पर प्रसव संबंधी सुविधाएं संचालित हैं। मई महीने में जिले में 1745 नोर्मल एवं 11 सीजेरियन संस्थागत प्रसव हुए। प्रभारी डीएम ने संस्थागत प्रसव मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। इसके लिये चिह्नित संस्थानों में 24×7 मोड में प्रसव सेवा का संचालन सुनिश्चित कराते हुए मातृ-शिशु मृत्यु दर से संबंधित मामलें में अपेक्षित सुधार का आदेश उन्होंने दिया। प्रभारी डीएम ने जहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य अधिकारी के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि सेवाओं की बेहतरी के लिये अधिकारी व कर्मी को एक संकल्प के साथ काम करना होगा। इससे बेहतर परिणाम संभव है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। एएनसी जांच व संस्थागत प्रसव के मामलों में सुधार को लेकर प्रभारी डीएम ने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं के गतिविधियों की सतत निगरानी व अनुश्रवण का आदेश दिया। प्रभारी डीएम ने कहा कि इसके लिये ऑब्जेक्टिव सीट तैयार कर आशा कर्मियों के प्रदर्शन की नियमित समीक्षा की जाये। कमतर प्रदर्शन पर उन्हें सुधार का अवसर दिया जाये। इसके बावजूद प्रदर्शन में सुधार नहीं होने पर संबंधित पीएचसी प्रभारी संबंधित आशा एवं एएनएम की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करायें।ताकि उनके विरूद्ध ठोस प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। बावजूद इसके प्रदर्शन में सुधार नहीं होने पर संबंधित एमओआईसी इसके लिये जिम्मेदार होंगे। पीएचसी स्तर पर सभी कर्मी व संबंधित विभागों के परस्पर सहयोग से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार का आदेश जिला पदाधिकारी के द्वारा प्रभारी सिविल सर्जन को दिया गया है। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्यवाही का आदेश सिविल सर्जन को दिया। समीक्षा क्रम में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया कि पूरे सूबे में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में अपना जिला दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर कम करने की भी है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में लाना है, ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सके।

Related Articles

Back to top button