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भाकपा ने आशा, आशा फैसिलिटेटर और स्वास्थ्य वैक्सीन कुरियर की हड़ताल का किया समर्थन आंदोलन कारियों से वार्ता करे सरकार

त्रिलोकी नाथ प्रसाद। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आशा, आशा फैसिलिटेटर, स्वास्थ्य वैक्सीन कुरियर, एटक की संयुक्त बैनर के तले 14 सूत्री मांगों को लेकर 17 जुलाई से जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया है और राज्य सरकार से आंदोलनकारियों से वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराने की मांग की है।

भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि आशा और स्वास्थ्य वैक्सीन कुरियर की मांग जायज है। सरकार तत्काल आशा, आशा फैसिलिटेटर, स्वास्थ्य वैक्सीन कुरियर लोगों को 25000 रुपये वेतन एवं सरकारी कर्मचारी का दर्जा सहित उनके 14 सूत्री मांगों पर सहानूभूति पूर्वक विचार करे। सरकार दमनात्मक रूख अपनाने के बजाए उनसे वार्ता कर हड़ताल समाप्त कराने की दीशा में पहल करें। राज्य की 90 हजार से अधिक आशा-आशा फैसिलिटेटर कर्मी हड़ताल पर हैं जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित है। उन्हें न केवल जीने लायक मासिक मानदेय मिलता है और न हीं रिटायरमेंट का कोई लाभ मिलता है, केवल पारितोषिक कहकर एक हजार रूपया मानदेय दिया जाता है, जिसका अधिकांश राशि यात्रा में ही खर्च हो जाता है। इतनी कम राशि में परिवार चलाना संभव नहीं है। कोरोना काल में उनकी भूमिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा बावजूद उन्हें न्यूनतम मासिक मानदेय नहीं मिलना उनके साथ अन्याय है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण आज स्कीम वर्करों की माली हालत खराब है।उन्होनें बिहार सरकार से आंदोलनरत आशा और वैक्सीन कुरियर के नेताओं से वार्ता कर उनकी मांगों को मानने तथा इसके लिए केन्द्र सरकार पर दबाब बनाने की अपील की।

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