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किशनगंज : आरबीएसके की मदद से मुफ्त में हुआ जिले के दो बच्चे की गंभीर बीमारी का इलाज।

गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को निःशुल्क इलाज मुहैया कराता है आरबीएसके।पूरी प्रक्रिया में परिवार को नहीं हुआ कोई भी खर्च।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए खुशियों से भरा होता पर जन्म से ही अगर बच्चा किसी जानलेवा रोग से ग्रसित हो तो परिवार के लिए यह सबसे मुश्किल घड़ी हो जाती है। जिले के दिघलबैंक प्रखंड के हरुआडांगा ग्राम की 18 माह की बच्ची पाखी एवं पोठिया प्रखंड के दामलबारी ग्राम का 16 माह का बच्चा गुलफान राजा न्यूरल टयूब रोग से ग्रसित मिला था। मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने जिला में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) द्वारा इसे पटना स्थित एम्स में भेजा व सफल ऑपरेशन करवाया गया। सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में जानकारी देते हुए बताया कि न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और रीढ़ की हड्डी की जन्मजात विकृति है। यह तब दिखता है, जब दिमाग और रीढ़ की हड्डी में ऐसा विकार बन जाए कि यह पूर्ण रूप से बंद होने में विफल हो जाए। न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले 5 हफ्तों में ही हो जाता है। यह बहुत ही गंभीर जन्मजात रोग है। पाखी के पिता संतोष कुमार यादव ने बताया कि आरबीएसके टीम द्वारा बच्ची की जांच के बाद विशेष आरबीएसके कार्ड बनाकर दिया गया। इसके बाद आरबीएसके की टीम द्वारा एम्बुलेंस से बच्चे को इलाज के लिए पटना भेजकर एम्स में भर्ती कराया गया। बच्ची का ऑपरेशन बहुत मुश्किल था लेकिन हमने भगवान पर विश्वास करते हुए डॉक्टरों को दोनों ऑपरेशन करने की सहमति जाहिर की। उसके बाद एम्स में डॉक्टरों द्वारा रीढ़ की हड्डी में स्थित न्यूरल ट्यूब का सफल ऑपरेशन किया गया। उसके बाद बच्ची की स्थिति सही होने के बाद डॉक्टरों द्वारा हमें घर भेजा गया। संतोष कुमार यादव ने बिना किसी खर्च अपने बच्चे के इलाज में सहायता प्रदान करने के लिए जिला आरबीएसके टीम, जिला स्वास्थ्य समिति एवं जिला प्रशाशन को धन्यवाद दिया है। वही गुलफान राजा के पिता असलम ने कहा कि आरबीएसके के सहयोग से मेरे बच्चे का इलाज बहुत अच्छा से हुआ। इलाज में हमें घर से कोई खर्च नहीं करना पड़ा जो हमारे जैसे निम्नवर्गीय परिवार के लिए लाभदायक है। एम्स में इलाज के बाद जितने भी बच्चे इस तरह की बीमारी से ग्रसित दिखाई दिए उसे मैंने आरबीएसके से संपर्क करने की सलाह दी। इसका बहुत से लोगों ने लाभ भी उठाया। सरकार द्वारा यह एक बहुत बेहतर सुविधा है। जिसके बारे में सभी लोगों को जानकारी होनी चाहिए और लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) जिला समन्वयक डॉ ब्रहमदेव शर्मा ने कहा कि गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों के सफल इलाज के लिए आरबीएसके टीम कार्यरत है। ऐसे बच्चे जिसके दिल में छेद है, उनकी जांच के साथ ऑपरेशन का सभी खर्च सरकार द्वारा आरबीएसके के तहत मुहैया कराया जाता है। इसके अलावा जिन बच्चों के होंठ कटे हुए हैं, तालु में छेद (सुराग) है, जिसके पैर टेढ़ा है ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा शत प्रतिशत इलाज मुहैया कराया जाता है। इसके लिए आरबीएसके द्वारा बच्चों को सरकारी खर्चे पर पटना भेजा जाता है। जांच व आवश्यकता अनुसार ऑपरेशन करवाया जाता है। इसके अलावा हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को बेहतर इलाज के लिए अहमदाबाद भी भेजा जाता है जहां विशेष चिकित्सकों द्वारा बच्चे का निःशुल्क इलाज करवाया जाता।

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