बाल विवाह मुक्त किशनगंज बनाने हेतु सामूहिक शपथ—जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिलेभर में चला जागरूकता अभियान

किशनगंज,27नवंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने पर गुरुवार को जिले में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिलाधिकारी विशाल राज के नेतृत्व में अधिकारियों, शिक्षकों, समुदाय प्रतिनिधियों एवं आमजन ने बाल विवाह मुक्त किशनगंज बनाने का संकल्प लेते हुए सामूहिक शपथ ग्रहण किया।
यह कार्यक्रम जन निर्माण केंद्र एवं महिला एवं बाल विकास निगम, किशनगंज के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया। जिले के स्कूलों, पंचायतों, समुदायों, विभिन्न संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर शपथ समारोह आयोजित कर बाल विवाह के दुष्परिणामों पर जागरूकता फैलाई गई।
कानून की जानकारी दी गई—सहयोग करने वालों को भी हो सकती है सज़ा
कार्यक्रम में लोगों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी गई। बताया गया कि बाल विवाह में किसी भी रूप में शामिल होने या सहायता करने वालों—जैसे मेहमान, कैटरर्स, टेंट एवं सजावट कर्मी, बैंड वाले, या विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित—सभी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
100 दिन की राष्ट्रीय कार्ययोजना से प्रेरित होकर चलाया अभियान
भारत सरकार द्वारा बाल विवाह उन्मूलन के लिए शुरू की गई 100 दिवसीय विशेष कार्ययोजना से उत्साहित जन निर्माण केंद्र ने कहा कि वह सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर एक वर्ष के भीतर किशनगंज को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
संस्था के निदेशक राकेश कुमार सिंह ने कहा कि यह अभियान देश में सामाजिक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है और प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य को मजबूत करेगा।
अभियान तीन चरणों में विभाजित
यह गहन जागरूकता अभियान तीन चरणों में चलेगा
- पहला चरण (31 दिसंबर 2025 तक):
स्कूलों, कॉलेजों एवं शिक्षण संस्थानों में जागरूकता का व्यापक प्रसार - दूसरा चरण (1 जनवरी–31 जनवरी 2026):
मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे जैसे धार्मिक स्थल एवं विवाह सेवाओं से जुड़े संस्थानों पर विशेष फोकस - तीसरा चरण (1 फरवरी–8 मार्च 2026):
ग्राम पंचायतों, नगर निकाय वार्डों एवं समुदाय आधारित निगरानी व रोकथाम तंत्र को मजबूत करने पर जोर
अभियान का समापन 8 मार्च 2026 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन होगा।
जिलेभर में आयोजित इस शपथ अभियान में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी रही और सभी ने बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने का संकल्प लिया।


