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किशनगंज : स्कूली बच्चों को दवा खिलाकर सिविल सर्जन ने की कृमि दवा सेवन कार्यक्रम की शुरूआत

दूषित पेयजल व अशुद्ध खान-पान बच्चों में कृमि संक्रमण की बड़ी वजह, अभियान के तहत 01 से 19 साल के 10.80 लाख बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाने का है लक्ष्य

किशनगंज 15 मार्च (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए जिले में 01 से 19 साल तक के तमाम बच्चों का कृमि नाशक दवा का सेवन कराने के उद्देश्य से विशेष अभियान का संचालन शुक्रवार को किया गया। दवा सेवन कार्यक्रम के तहत जिले के सभी स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों में दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां प्रशिक्षित कर्मी की देखरेख में बच्चों को उनके उम्र के हिसाब से निर्धारित मात्रा में अल्बेंडाजोल दवा का सेवन कराया गया। इसे लेकर जिले के उत्क्रमित उच्च विद्यालय गाछ्पारा में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार एवं राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के सलाहकार शालिनी सिन्हा के द्वारा संयुक्त रूप से बच्चो को दवा खिलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। उक्त कार्यक्रम में स्वास्थ्य अधिकारियो की देखरेख में जवाहर नवोदय विद्यालय व इसके बाद केंद्रीय विद्यालय के बच्चों को दवा का सेवन कराया गया। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया बच्चों में कृमि संक्रमण अस्वच्छता तथा दूषित मिट्टी के संपर्क में आने से होती है। कृमि संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर तथा हीमोग्लोबिन स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। जिससे बच्चों में शारीरिक व बौद्धिक विकास बाधित होती है। विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कहा कि दूषित पेयजल व अशुद्ध खानपान व शारीरिक स्वच्छता के प्रति उदासीनता के कारण बच्चों में कृमि संक्रमण का खतरा अधिक होता है। उन्होंने कहा कि निर्धारित समयांतराल पर कृमि नाशक दवा के सेवन से इससे बचा जा सकता है। उन्होंने बढ़-चढ़ कर अभियान में भाग लेते हुए दवा सेवन के प्रति बच्चों को प्रोत्साहित किया। इतना ही नहीं उन्होंने बच्चों को जीवन में मनचाही सफलता हासिल करने के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया। उन्होंने किसी भी क्षेत्र में कड़ी मेहनत को सफलता का महत्वपूर्ण सूत्र बताया। उन्होंने कहा कि छात्र अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करते हुए हर हाल में इसे प्राप्त करने की रणनीति अपनायें। सफलता के मार्ग में आने वाली तमाम चुनौतियों व बाधाओं को दरकिनार करते हुए अपने पसंदीदा क्षेत्र में सफलता का परचम लहराने के लिये उन्होंने स्कूली बच्चों को प्रोत्साहित किया। अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले में 01 से 19 साल तक के 10 लाख 80 हजार 178 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि 15 मार्च को संचालित अभियान में दवा सेवन से वंचित बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से 19 मार्च को दोबारा मॉपअप राउंड का संचालन करते हुए छूटे हुए बच्चों को दवा का सेवन कराया जायेगा। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि दवा खिलाते समय यह ध्यान रखा जाये कि बच्चे दवा को चबाकर खाएं। जिन बच्चों के पेट में कीड़ो की अधिकता होगी उनके द्वारा दवा का सेवन करने पर मामूली लक्षण सामने आयेंगे, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे दवा खाने के बाद जी मचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त और थकान महसूस होना, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। पेट में कीड़ा होने के कारण यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देगा। इस दौरान बच्चों को आराम की सलाह दें तथा उसे लेट जाने को कहें, 10 मिनट में समस्या स्वयं ही दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं, बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है। बच्चे हमेशा थकान महसूस करते हैं। बच्चों की शारीरिक व मानसिक विकास भी बाधित हो जाती है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है। उन्होंने बताया कि नाखून साफ और छोटे रखें, हमेश साफ और स्वच्छ पानी ही पीएं, खाने को ढक कर रखें, साफ पानी में फल व सब्जियां धोएं अपने हाथ साबुन से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, घरों के आसपास साफ-सफाई रखें, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें।

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