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बिस्कोमान चुनाव,होगी रिकाउंटिंग, शुक्रवार को हुआ था मतदान-मतगणना..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ बिस्कोमान के निदेशक मंडल एवं पदाधिकरियों का चुनाव का परिणाम फिर से अधर में लटक गया है.शुक्रवार को  श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में संपन्न हुए चुनाव के वोटों की गिनती उसी दिन हो गई थी. पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार सिंह ने अपनी  पत्नी वंदना सिंह के जीत का दावा किया था. हालांकि आधिकारिक रूप से निर्वाचन की घोषणा नहीं की गई है लेकिन सुनील सिंह के समर्थकों ने जश्न मनाया. पूर्व अध्यक्ष व राजद के पूर्व विधान पार्षद डा. सुनील कुमार सिंह की पत्नी वंदना सिंह का मुकाबला  एनसीसीएफ के अध्यक्ष विशाल सिंह के साथ था.अब खबर आ रही है कि फिर से मतों की गिनती होगी.

जिला पदाधिकारी सह बिस्कोमान के निर्वाची पदाधिकारी ने मतगणना के बाद कहा कि सभी प्रत्याशियों को प्राप्त मत अंकित करते हुए विहित प्रपत्र भरकर सहकारी निर्वाचन प्राधिकार को अनुमोदन के लिए भेजा गया है. अनुमोदन के उपरांत निदेशक मंडल के परिणाम की घोषणा की जाएगी.उसके बाद पदधारकों का निर्वाचन कराया जाएगा. सुनील सिंह 21 वर्षों तक बिस्कोमान के अध्यक्ष रहे.आरजेडी द ने उन्हें विधान पार्षद भी बनाया. बीते 26 जुलाई 2024 को उन्हें बिस्कोमान के अध्यक्ष पद से हटाया गया था. चुनाव कुल 17 सीटों के लिए हुआ था. इसमें 33 उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज कराया था. चुनाव के दौरान दो पक्षों में भिड़ंत हो गई, हालांकि मौके पर मुस्तैद पुलिस ने स्थिति संभाल लिया. मतदान के बाद कड़ी सुरक्षा में मतगणना कराई गई.

निदेशक मंडल के चुनाव में 16 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई। समूह ए में 29 जबकि वहीं समूह बी में चार उम्मीदवार थे। इस दौरान 17 सदस्यीय निदेशक मंडल का चुनाव हुआ.इनमें सामान्य की 14, एससी-एसटी की एक और महिलाओं के लिए दो पद आरक्षित हैं. सुबह आठ से दो बजे तक तीन वोटिंग कंपार्टमेंट में मतदान हुआ. वर्ग ए में निदेशक सामान्य के लिए सफेद, महिला के लिए पीला, एससी-एसटी के लिए आसमानी जबकि वर्ग बी में लाल रंग का मतपत्र था. कुल 270 में से एक मतदाता की मृत्यु के बाद 269 मतदाता शेष थे। सभी ने मतदान किया.

एनसीसीएफ (नेशनल को आपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन आफ इंडिया लिमिटेड) के चेयरमैन व पूर्व सांसद मीना देवी के पुत्र विशाल सिंह के दादा तपेश्वर सिंह, सहकारिता के क्षेत्र में काफी काम कर चुके हैं. बिस्कोमान का संस्थापक उन्हें ही माना जाता है. पिता अजित सिंह भी लंबे समय तक सहकारिता आंदोलन से जुड़े रहे.वे 1996 तक एनसीसीएफ के चेयरमैन रहे. सांसद भी रहे. विशाल सिंह की माता मीना सिंह भी सांसद हैं. विशाल सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल में एनसीसीएफ ने 5,968.96 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर 182.25 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.

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