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*पुशपिन कला से उभरी बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा की छवि, बिहार दिवस में बना आकर्षण का केंद्र*

– *श्रद्धा और तकनीक का हो रहा संगम*

*आईआईएसईआर पुणे ने लगाया है स्टॉल*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार दिवस के अवसर पर इस वर्ष बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को अनोखे अंदाज में श्रद्धांजलि दी जा रही है। गांधी मैदान में लगे विभिन्न स्टॉलों में से एक विशेष स्टॉल पर आईआईएसईआर पुणे की पहल ने लोगों का ध्यान खींचा है। इस स्टॉल पर पुशपिन कला के माध्यम से शारदा सिन्हा की तस्वीर बनाई जा रही है, जिसमें आम लोग भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।

आईआईएसईआर पुणे के तकनीकी पदाधिकारी और आईराइज प्रोजेक्ट के बिहार राज्य समन्वयक मो. ताकि ने बताया कि शारदा सिन्हा ने बिहार की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है। शादी हो या छठ पर्व, उनके गीत हर अवसर को खास बना देते हैं। इसी योगदान को सम्मान देने के लिए इस बार बिहार दिवस पर अनोखी तकनीक के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है।

*दो लाख पुशपिन से बनेगी शारदा सिन्हा की छवि*

इस स्टॉल पर लोग स्वयं पुशपिन लगाकर इस अनोखी कला का हिस्सा बन रहे हैं। अब तक हजारों लोग इसमें भाग ले चुके हैं और अनुमान है कि दो लाख से अधिक पुशपिन लगने के बाद स्व. शारदा सिन्हा की पूरी तस्वीर उभरकर सामने आएगी। महोत्सव के अंतिम दिन यानी सोमवार को यह तस्वीर पूर्ण रूप से तैयार होगी, जो उनकी अमिट विरासत का प्रतीक बनेगी।

स्टॉल पर शारदा सिन्हा की जीवनी भी प्रदर्शित की गई है, जिसमें उनके जीवन, संघर्ष और उपलब्धियों को दर्शाया गया है।

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