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एनडीए सरकार में अपहरण जैसे अपराधिक मामले में बिहार टॉप थ्री (3) में

सोनू कुमार ; राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने मधेपुरा जिला में स्कूल बस से एक आठ वर्षीय बच्चा मयंक का अपहरण किए जाने की घटना पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि अपहरण जैसी अपराधिक घटनाएं भी अब बिहार के लिए सामान्य सी बात हो गई है। ऐसी घटनाओं पर अब न तो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में डिबेट होता है और न मीडिया की सुर्खियां हीं बनती है। लोगों ने यह मान लिया है कि हत्या, रेप , गैंगरेप एवं अपहरण जैसी लगातार घट रही घटनाएं अब बिहार के लिए नियति बन गई है। अपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण करना अब इस सरकार के बूते से बाहर हो चुका है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भले हीं नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार विकास के हर पैमाने पर बिहार सबसे निचले पायदान पर है पर एनसीआरबी के रिपोर्ट के अनुसार अपहरण के मामले में बिहार टॉप थ्री (3) में है। अपहरण जैसे अपराध के मामले में भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और एनडीए शासित महाराष्ट्र के बाद बिहार का हीं स्थान है। साल दर साल इसके आंकड़े में बढ़ोतरी हीं होते रहा है। 2020 में अपहरण की 7889 घटनाएं दर्ज हुई थी तो वहीं 2021 में बढ़कर 10252 और 2023 में 11822 हो गई। अपहृतों की बरामदगी के आंकड़े में भी बिहार सबसे निचले पायदान पर है। 2021 और 2022 में अपहरण के कुल मामले 22074 थे जिसमें 12874 अपहृतों की बरामदगी नहीं हो पाई यानी 58 प्रतिशत अपहृतों का कोई पता हीं नहीं चला। अपहर उच्चण के मामले में बिहार राष्ट्रीय औसत से भी आगे है। राष्ट्रीय स्तर पर अपहरण का प्रतिशत जहां 7.8 है वहीं बिहार में अपहरण का प्रतिशत 9.4 है।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि 20 वर्षों से बिहार में सरकार चलाने वाली भाजपा और जदयू कब तक पूर्ववर्ती सरकार के समय का झूठे आंकड़ों का दुष्प्रचार कर अपनी अक्षमता और निष्क्रियता को छुपाते रहेंगे और बिहार की जनता को गुमराह करते रहेंगे।

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