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भारत ने LAC पर बढ़ाई निगरानी, पूर्वी क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए तैनात किए कई विमान

कुंज बिहारी प्रसाद :-नई दिल्ली-भारत चीन के तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के सभी क्षेत्रों में निगरानी काफी बढ़ा दी गई है. दरअसल भारत ने इस साल पूर्वी क्षेत्र में एक नई विमानन ब्रिगेड की स्थापना की है. ब्रिगेड को पूर्वी क्षेत्र में LAC पर निगरानी बढ़ाने का काम सौंपा गया है. सूत्रों ने कहा कि नई ब्रिगेड को मार्च में तेजपुर के करीब असम के मिसामारी में खड़ा किया गया था और इसमें एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच), चीता हेलीकॉप्टर और हेरॉन ड्रोन जैसी क्षमताएं हैं.

सेना के उड्डयन विंग की तैनाती में असम में LAC से हथियारों से लैस हैलिकॉप्टर ALH भी शामिल है. जबकि नई ब्रिगेड का काम मुख्य रूप LAC की सुरक्षा पर खुफिया तरीके से नजर रखना है, यह विमानन ब्रिगेड LAC पर तनाव बढ़ने पर सेना का समर्थन करने की क्षमता रखता है.

घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया कि LAC के पास पहाड़ी क्षेत्रों में चौबीसों घंटे इजराइल निर्मित हेरोन मध्यम ऊंचाई वाले और लंबे समय तक उड़ान भर सकने वाले ड्रोन निगरानी कर रहे हैं और महत्वपूर्ण आंकड़े और चित्र हाई कमान को भेज रहे हैं. उन्होंने बताया कि ड्रोन के साथ ही भारतीय सेना की विमानन शाखा ने क्षेत्र में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रूद्र की तैनाती की है जिससे क्षेत्र में इसका मिशन और तीव्र हुआ है.

कमांडरों को बल प्रदान करती है रोटरी विंग प्लेटफॉर्म

लेफ्टिनेंट कर्नल अमित डधवाल ने कहा कि आर्मी एविएशन कॉर्प्स बुनियादी एवियोनिक्स के साथ साधारण फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट से आज हाईटेक डिवाइस तक विकसित हुआ है, जिसमें एएलएच वेपनाइज्ड सिस्टम इंटीग्रेटेड और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर शामिल हैं. उन्होंने कहा, “ये रोटरी विंग प्लेटफॉर्म हमें, हमारे लीडर्स और कमांडरों को ढेर सारी क्षमताएं प्रदान करते हैं ताकि हम सभी प्रकार के अभियानों में सफलता प्राप्त कर सकें.” उन्होंने कहा, हेलीकॉप्टर किसी भी प्रकार के विश्वासघाती इलाके और मौसम की स्थिति में पूर्ण युद्ध भार में सैनिकों को ले जाते हैं, और हताहतों की निकालने, प्रेरण और डी-इंडक्शन के लिए उपयोग किए जाते हैं.

रेलवे नेटवर्क से भी जोड़ने पर विचार

इसके अलावा अरुणाचल सेक्टर में सड़क, पुल और रेलवे ढांचे को भी जोर-शोर से बनाया जा रहा है ताकि क्षेत्र में उभरी सुरक्षा चुनौतियों के समय सामरिक जरूरतों को पूरा किया जा सके. सरकार तवांग को रेलवे नेटवर्क से भी जोड़ने पर विचार कर रही है. मालूम हो कि पिछले वर्ष 15 जून को गलवान घाटी में घातक संघर्ष होने के बाद एलएसी पर तनाव बढ़ गया है।

 

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