सदर अस्पताल किशनगंज में दृष्टिबाधितों को बांटे गए चश्मे, अब तक 70 लाभुकों को मिला लाभ

किशनगंज,18अगस्त(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय अंधत्व निवारण एवं दृष्टिबाधिता नियंत्रण कार्यक्रम (NPCB&VI) के तहत सदर अस्पताल किशनगंज में दृष्टिबाधित और कमजोर दृष्टि वाले लाभुकों को निःशुल्क चश्मा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में कुल 400 चश्मों का वितरण प्रस्तावित है, जिनमें से अब तक 70 लाभुकों को चश्मे दिए जा चुके हैं। शेष लाभुकों को आगामी दिनों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
गरीबों के लिए वरदान बना यह कार्यक्रम
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि यह योजना विशेष रूप से गरीब और ग्रामीण इलाकों के मरीजों को ध्यान में रखकर चलाई जा रही है, जो महंगे चश्मे खरीदने में सक्षम नहीं हैं। यह प्रयास न केवल उनकी दृष्टि को सुरक्षित रखेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार होगा।
दृष्टिबाधा से बचाव संभव – सिविल सर्जन
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि NPCB&VI का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति दृष्टि दोष के कारण समाज की मुख्यधारा से वंचित न रह जाए। उन्होंने कहा, “किशनगंज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्हें नियमित जांच और सही चश्मों की जरूरत है। हमारा लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद तक समय पर यह सुविधा पहुंचे।”
नियमित नेत्र जांच की अपील
डॉ. अनवर हुसैन ने आम लोगों से नेत्र स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि धुंधला दिखना, पढ़ने में परेशानी या आंखों में जलन जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और समय पर जांच कराएं। सही समय पर उपचार से अंधत्व जैसी स्थिति से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम के व्यापक लाभ
डॉ. चौधरी ने यह भी बताया कि NPCB&VI कार्यक्रम के तहत न केवल चश्मा वितरण किया जाता है, बल्कि मोतियाबिंद ऑपरेशन और अन्य नेत्र रोगों के उपचार की सुविधा भी दी जाती है। किशनगंज जैसे जिले में, जहां अधिकतर आबादी ग्रामीण पृष्ठभूमि से आती है, यह कार्यक्रम अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की जनहित में पहल
डॉ. चौधरी ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति एवं सदर अस्पताल की टीम आने वाले समय में अधिक जागरूकता शिविर और नियमित जांच अभियान चलाएगी, ताकि दृष्टिबाधा से पीड़ित और जरूरतमंद लोगों की पहचान कर उन्हें त्वरित राहत पहुंचाई जा सके।
इस पहल के माध्यम से किशनगंज स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सरकारी योजनाएं जब जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू होती हैं, तो समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक भी उनकी रोशनी पहुंचती है।