अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

औरंगाबाद : प्रदेशियों के साथ खुलेआम हो रहा है अत्याचार, अधिकारियों के कंधे पर बंदूक रखकर आपसी रंजीस का बदला ले रहे हैं बिचौलिया..

प्रदेशियों को अपने प्रदेश में ही कालापानी की सजा, मानवता भी शर्मसार।

बिचौलियो के रहमो करम पर प्रदेशियों का जीवन है निर्भर, घर पहुंचे प्रदेशियों के साथ, जाएं तो जांए कहां की कहावत हैं चरितार्थ।

  • महामारी के आड़ में सह-मात का खेल है जारी, प्रदेशियों के साथ खुलेआम हो रहा है अत्याचार।
  • अधिकारियों के कंधे पर बंदूक रखकर आपसी रंजीस का बदला ले रहे हैं बिचौलिया।
  • किसे कोरोंटाईन, किसे होम कोरोनटाइन और किसे कालापानी की सजा देना है, यह खेल बिचौलियो के इसारे पर खेल रहे है संबंधित अधिकारी।

औरंगाबाद/अनिल कुमार मिश्र, कोरोना/कोविड-19 के महामारी से कुटम्बा प्रखंड़ को शायद भगवान ही बचा सकते है। महामारी से निपटने का दावा चाहे बिहार सरकार जितना भी कर ले, लेकिन कालापानी की सजा से भी कठोर यातनाएँ उद्देश्यो से भटक चूके अधिकारी अपने घर लौटे प्रदेशियो को अपने प्रदेश में परिवार व समाज के बीच दे रहे है और त्रादशी का दंश झेल रहे प्रदेशियों की ब्यथा यहाँ तक की क्षेत्रिय पत्रकार भी सुनने के लिए तैयार नहीं है, चाहे कारण जो भी हों।प्रदेशियो को अब अपने प्रदेश में ही जाएं तो जाएं कहां की कहावत चरितार्थ हैं, इनकी सुधि न तो कोरोना दूत ले रहे है और न ही जनप्रतिनिधि ले रहे हैं, यहाँ तक की माँ- बाप, पत्नि एवं बच्चे भी प्रदेशियों को अपने घर में रखने को तैयार नहीं हैं।बताया जाता है कि सरकारी सुविधाओं के नाम पर प्रदेशियों के लिए वार्ड के रहमों करम पर सरकारी भवन का छत नसीब है।जहां न तो पीने की पानी है और ना ही शौचालय की व्यवस्था है।बिजली, बिल और पंखें की तो बात ही छोड़े।सरकारी भवन के अंधेर कोठी में रात बिताने को विवश प्रदेशी किसी तरह रात खेत मे खाट को डालकर खुले आकाश मे बिता लेते हैं किन्तू तपती धूप तथा बदन जलाने वाले तेज लू में सरकारी भवन का छत ही नसीब है।आश्चर्य की बात तो यह है कि किसे कोरोंटाईन, किसे होम कोरोनटाइन और किसे कालापानी की सजा देना है, यह खेल बिचौलियो के इसारे पर अधिकारी खेल रहे है और प्रदेशियो का जीवन अब बिचौलियो के रहमो करम पर आत्म निर्भर है।जिसकी सुधी लेने वाला भी कोई नहीं हैं।विश्वस सूत्रो एवं कोरोनटाइन सेंटर पर बदहाली का दंश झेल रहे लोगों का बात मान ली जाये तो कुटुम्बा प्रखंड़ के नीवर्तमान बीडीओ आलोक राज्य के तर्ज पर कुटुम्बा सीओ अनिल कुमार भी चल पड़े है और कुटुम्बा सीओ अनिल कुमार द्वारा प्रदेशियों को अपने प्रदेश में ही बिचौलियो के इसारे पर कालापानी की सजा दिया जा रहा हैं।आरोपो का पड़ताल संवाददात्ता नें हर स्तर पर किया लेकिन सभी जगहो पर निराशा ही हाँथ लगा और आरोपो से घिरे कुटुम्बा सीओ अनिल कुमार कुछ भी बताना नहीं चाहते है।कुटम्बा प्रखंड़ के सीओ पर कोरोना की महामारी में लग रहे आरोप हकियत में कुटुम्बा सीओ के करिश्मा है या इनके प्रति लोगो का दुसप्रचार हैं यह तो संवाददात्ता के समझ से भी परे हो चूका है।बताया जाता है कि हॉट स्पॉट या रेड जोन घोषित प्रदेश के क्षेत्रों से अपने प्रदेश पहुंचे मजदूरों को प्रखंड़ स्तरीय कोरोनटाइन सेंटर पर रखना है तथा स्वास्थ्य की जाँच भी करना है।किन्तू ऐसा नही हो रहा है और प्रदेशियों को सिधे कोरोनटाइन सेंटर के जगह गाँव के सरकारी विद्यालयों अथवा पंचायत भवन में रखा जा रहा है।जिसमे न पीने के लिए पानी है और नहीं शौचालय का ब्यवस्था है।यहां तक की अभी तक प्रदेशियों को किसी तरह का जांच भी नहीं हुआ है और न ही सरकार द्वारा अभी तक किसी तरस का संसाधन, पेयजल तथा शौचालय की व्यवस्था किया गया है।विश्वस सूत्रो तथा कोरोटाइन के नाम पर यातना झेल रहे प्रदेशियों की बात मान ली जाये तो राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों के इशारे पर संबंधित अधिकारियों द्वारा बिचौलियो के इशारे पर चहते को होम कोरोंटाईन, राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कुछ लोगो को कोरोनटाइन तथा बेजूबान लोगो को कालापानी की सजा दिया जा रहा है तथा पीड़ितो के साथ बदतमीजी का मामला सुर्खियों में हैं।वहीं घर पर रह कर समय बिताने वाले प्रदेशी बाबू भी सीओ के रहमों करम से स्वयं को कोरोंटाईन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन कराकर सरकारी अनुदान को लौटने के दौड़ में लगे हुए है।अगर यह कहा जाये कि आपदा से निपटने के नाम पर लूट सके सो लूट की कहावत चरितार्थ है और सभी स्तर पर लूट की मामला सुर्खियों में है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, ऐसी हलात में कोरोना/कोविड-19 की महामारी से कुटम्बा प्रखंड़ को शायद भग्वान ही बचा सकते है।आंध्र प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली एवं हरियाणा से 10 प्रदेशी मजदूर कुटुंबा प्रखंड के अम्बा थाना का नरहर अम्बा गाँव में 04 दिन पहले आये हुए है जिसमे से 09 राजकीय कृत मध्य विद्यालय नरहर अम्बा में रह रहे हैं तथा नोवेड़ा से गाँव आये परीखा राम के लड़का पंकज कुमार अपने घर पर है जो ग्रामीणो के अनुसार बिमार है और खाँसी भी है।गाँव के विधालयों मे रह रहे 09 लोगों मे एक गाँव के रिश्तेदार है जो जिले के देव ब्लाँक के कटैया गाँव का निवासी बताया जा रहा है जिनका नाम अमेरिका राम है जो हरियाणा से आये हुए हैं।विधालय भवन में रह रहे 09 प्रदेशियों में शंकर राम, इंदल राम, विनय राम, अमेरिका राम, हरियाणा से आए हुए हैं।अजीत प्रजापति, राम बचन कुमार राजस्थान से आए हुए हैं।पंकज राम दिल्ली से आये हूए है तथा भरत विश्वकर्मा आंध्र प्रदेश से आये हुए है।सभी प्रदेशियों को अपने प्रदेश में दूरदिन दशा को देख कर ग्राम के प्रबुद्ध लोगों ने सभी पत्रकार व प्रखंड़ स्तरी अधिकारियों का चक्कर लगा लिया किन्तू किसी ने इनका फरियाद नहीं सुना।अंतत: ग्रामीणो ने प्रदेशियों को केवल सच समाचार पत्र से फोन पर रुबरू कराया और प्रदेशियों ने आप बिती बताते हुए व्हाट्सएप पर शेयर कर आवाज को सरकार तक पहुँचाने का माँग किया है।राजकीयकृत मध्य विद्यालय नरहर अम्बा में रह रहे प्रदेशों का वायरल वीडियो तथा उपरोक्त संबंध मे संवाददाता ने अंचलाधिकारी कुटुंबा अनिल कुमार से पक्ष जानना चाहा तो अनिल कुमार ने कहा आलोक राय अपर समाहर्ता कुटुंबा अनिल कुमार से पक्ष जानना चाहा तो अनिल कुमार ने कहा आलोक राय ने कहा आलोक राय अपर समाहर्ता कुटुम्बा बीडीओ के प्रभार में हैं अब जो भी पुछना है, उन्हीं से पूछे, जब सीओ से प्रभारी वीडियो कुटुम्बा सह अपर समाहर्ता आलोक राय का मोबाइल नंबर मांगा गया तो कहा गया कि कार्यालय में आकर मोबाइल नंबर ले लेंगे।प्रदेशों का वायरल वीडियो जिला पदाधिकारी औरंगाबाद को भेजा गया तो जिला पदाधिकारी ने कहा कोरोटाइन सेंटर नहीं हैं, गाँव के स्कूल में है, जिले में 58 कोरोंटाईन सेंटर हैं।प्रभारी बीडीओ कुटुम्बा सह अपर समाहर्ता आलोक राय से संवाददात्ता ने मिलने का प्रयास किया तो कार्यालय स्टाफ द्वारा बताया गया कि साहब का योगदान सरकार द्वारा कही और कर दिया गया है साहब आज और अभी जाने वाले हैं।प्रभार में सीओ साहब रहेंगे।आप उन्हीं से बात कर लेंगे।चाय की पार्टी चल रहा था आदेशपाल को भेजा गया।आदेश पाल ने साहब के हवाले से कहा अभी रुकने के लिए साहब बोल हैं।घंटों प्रतीक्षा किया गया लेकिन सीओ एवं प्रभारी बीडीओ ने केवल सच समाचार के संवाददाता को अपना बहुमूल समय देना मुनासीब नहीं समझा और न ही भ्रष्टाचार के बिछाये गये जाल का सामना केवल सच के कैमरा के सामने करने का साहस जुटा पाये।संवाद लिखे जाने तक कुटुम्बा सीओ ने यह भी नहीं बताया कि कुटुम्बा प्रखंड़ में कितने कोरोनटाइन सेंटर कार्यरत हैं।सूत्रों की बात मान ली जाये तो सीओ कुटुम्बा अनिल कुमार के अनुशंसा पर ही प्रदेशियों को कोरोटाइन किया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button