श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा मुजफ्फरपुर जिला में ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित सभी योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-बैठक में *लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान* की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत व्यक्तिगत शौचालय के अतिरिक्त 514 सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी किया गया है। जिसमें वैसे 10280 परिवार को संलग्न किया गया है, जिसके पास शौचालय के लिए जमीन भी नहीं है। माननीय मंत्री ने उप विकास आयुक्त को निदेशित किया कि वर्तमान में जो सर्वे का कार्य चल रहा है, उसमें वैसे सभी परिवारों को चिन्हित करें जिनके पास शौचालय नहीं है। चल रहे सर्वे में इस बात का ख्याल रखें कि परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड निश्चित रूप से संकलित कर लें ताकि आने वाले दिनों में एक ही परिवार के दूसरे सदस्य द्वारा शौचालय के लिए दावा करने की संभावना नहीं रहे। माननीय मंत्री ने यह भी निदेशित किया कि सर्वे में खासकर उन लोगों को चिन्हित करें जो भूमिहीन हैं। इन सबों को *मुख्यमंत्री बास स्थल क्रय योजना* से आच्छादित कर उन्हें सामुदायिक शौचालय की सुविधा दें, ताकि आने वाले दिन में यह स्थिति उत्पन्न न हो कि कुछ और लोग शौचालय की सुविधा से वंचित रह गए हैं। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण में बांटे जा रहे पैडल रिक्शा से डस्टबिन का उठाव सही प्रकार से हो तथा बांटा गया सभी डस्टबिन ढक्कन से युक्त हो। कोई भी डस्टबिन ढक्कन विहीन न रहे। उठाव किया गया कचड़ा भी ढका हुआ होना चाहिए।
समीक्षा में उप विकास आयुक्त द्वारा बताया गया कि मुजफ्फरपुर जिला में *यूजर फी कलेक्शन (User fee collection)* का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिला के 154 पंचायतों में से 124 पंचायत में यूजर फी का कलेक्शन हो रहा है। अब तक 23,300 घरों से ₹7,47,450 की वसूली की जा चुकी है। माननीय मंत्री ने इस नवाचार के लिए काफी प्रसन्नता जाहिर की एवं कहा कि इससे लोगों में जागरूकता पैदा होगी और स्वच्छता के प्रति उनका अच्छा ध्यान रहेगा। यह *माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी* के सोच का नतीजा है कि गांव गांव में स्वच्छता के लिए लोग काम कर रहे हैं तथा एक छोटी राशि का सहयोग भी दे रहे हैं। इस जमा राशि का उपयोग पंचायत में ही किया जाना है। इससे पंचायत के विकास में और भी सहयोग मिलेगा। माननीय मंत्री ने यह भी कहा कि यूजर फी कलेक्शन को राज्य के सभी जिलों में लागू किए जाने की योजना है।
समीक्षा के क्रम में उप विकास आयुक्त ने बताया कि जिला का पहला टॉयलेट क्लीनिक कुढ़नी प्रखंड में प्रारंभ किया गया है। कुढ़नी प्रखंड के कार्य की सफलता के बाद सकरा प्रखंड में भी टॉयलेट क्लीनिक प्रारंभ कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)* की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि 600 से अधिक घर पूर्ण होने के बाद भी लाभुकों को पूर्ण भुगतान नहीं हो पाया है। माननीय मंत्री ने एक सप्ताह के अंदर भुगतान करने का निदेश दिया तथा यह भी निदेशित किया कि यदि एक सप्ताह में भुगतान नहीं होता है, तो संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी का वेतन बंद कर दिया जाय।
सतत जीविकोपार्जन योजना* की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि इस जिला में 2227 परिवार नीरा उत्पादन कार्य से जुड़े हुए हैं। इसके लिए 65 समूह गठित है। कुल 1712 लोगों को नीरा उत्पादन का लाइसेंस दिया गया है। सतत जीविकोपार्जन योजना के संबंध में जिला के सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी को हिदायत दी गई कि जिन लोगों को सहयोग राशि दी जा रही है और छोटे उद्योग के लिए राशि दी गई है,उनसे व्यक्तिगत रूप से संपर्क में रहे। उनसे बातचीत करें तथा इस बात को सुनिश्चित करें कि जिस गांव को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा गया है, उन क्षेत्रों में शराब की बिक्री ना हो। साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि निरंतर क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को प्रोत्साहित कर उनके रोजगार हेतु उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करें।
इस समीक्षा बैठक में उप विकास आयुक्त सहित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवम् ग्रामीण विकास विभाग के जिलास्तरीय सभी पदाधिकारी शामिल थे। अंजनि कुमार, आप्त सचिव, माननीय मंत्री ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार