किशनगंज : स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएं : तुषार सिंगला
मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने, टीकाकरण की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने, और अस्पतालों में साफ-सफाई एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए
किशनगंज, 30 अगस्त (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस तक पहुंचाने को लेकर आवश्यक पहल लगातार की जा राही है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर विशेष मुहिम को ज्यादा कारगर व असरदार माना जा रहा है। मातृ-शिशु सेवाओं की बेहतरी को लेकर जिले में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया करने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है।
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रति जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने अपनी गंभीरता स्पष्ट कर दी है। शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जिले के हर नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता का सीधा संबंध लोगों के जीवन और उनके स्वास्थ्य से है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने, टीकाकरण की प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने, और अस्पतालों में साफ-सफाई एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश दिए।
बैठक में सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार, सीडीओ, एनसीडीओ, डीआईओ, डीडीए, डीसीएम, डीपीएम डा. मुनाजिम, डीपीसी, एसएमसी यूनिसेफ, डब्लूएचओ के एसएम्ओ डा. प्रीतम, पिरामल फाउंडेशन एवं अन्य सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद हुए।
बैठक के दौरान, डीएम तुषार सिंगला ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर का सख्ती से पालन हो, ओपीडी सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, और सभी स्वास्थ्य कर्मी अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा के साथ निभाएं। उन्होंने इस बात पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई कि सभी रिपोर्टिंग और डेटा एंट्री समय पर और सटीक हो, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर जिले की प्रगति को सही ढंग से प्रस्तुत किया जा सके। स्वास्थ्य योजनाओं के अनुश्रवण को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने और किसी भी समस्या की स्थिति में त्वरित समाधान के निर्देश दिए। इन ठोस और स्पष्ट निर्देशों से यह स्पष्ट होता है कि वे जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को नए मानदंडों पर स्थापित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उनके नेतृत्व में, जिला स्वास्थ्य विभाग को न केवल और अधिक जिम्मेदार बनाया जाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर नागरिक को सुलभ और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को और अधिक मेहनत से काम करने की जरूरत है। सभी अस्पताल में होने वाले सुविधाओं की सभी डेटा एंट्री ठीक से होना चाहिए क्योंकि भारत सरकार द्वारा सभी रिपोर्ट ऑनलाइन के माध्यम से नियमित विश्लेषण किया जाता है। इसलिए इसमें कोई कमी नहीं होना चाहिए। अगर किसी अस्पताल में कोई समस्या है तो इसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें और समय से इसका निकरण करें। उसी अनुसार अस्पताल के कार्यों का समीक्षा होता है और अस्पताल को रैंकिंग मिलता है। ज्यादा अच्छा रिपोर्ट होने पर संबंधित अस्पताल को प्रमाणपत्र और सहयोगी राशि प्रदान किया जाता है।
जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने समीक्षा बैठक में सभी स्वास्थ्य अधिकारियो को निर्देश दिया कि जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारी नियमित रूप से प्रखंड में चल रहे स्वास्थ्य योजनाओ का अनुश्रवन करना सुनिश्चित करेंगे, जिला के डीसीएम् एवं डीडीए प्रतिदिन आशा फैसिलिटेटर से संवाद कर नियमित रूप से प्रतिवेदन प्राप्त करेंगे, वही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सप्ताह में तीन दिन नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुविधा पर ध्यान दें जन आरोग्य समिति का गठन कर प्रत्येक माह बैठक करना सुनिश्चित करेंगे, वही पंचायत स्तर पर निर्मित ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के अंतर्गत निगरानी समिति का गठन कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का अनुश्रवन का निर्देश दिया गया है। गर्भवती माता की उम्रवार सूचि बनाकर लाभ प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सा पदाधिकारियों, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीकाकरण के बाद उसका फॉलोअप निरंतर रूप से करना सुनिश्चित करें। जिसके लिए आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती महिलाएं एवं धातृ माताओं के अलावा अभिभावकों को परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी देने की आवश्यकता है। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी की सभी तरह की सुविधाएं मिल रही है।