राज्य

रसोइयां फ्रंट का बीआरसी के समक्ष प्रदर्शन….

गुड्डू कुमार सिंह आरा /पीरो। सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बच्चों के लिए दोपहर का भोजन तैयार करने हेतु बहाल रसोइयों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के अनुसार मानदेय का भुगतान करने सहित अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोइयां फ्रंट के बैनर तले सैकडों की संख्या में रसोइयों द्वारा प्रखंड संसाधन केंद्र के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया । फ्रंट के अध्यक्ष उपेन्द्र रवानी व सचिव महेन्द्र पासवान के नेतृत्व में आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान रसोइयों ने कहा कि फिलवक्त उन्हें प्रतिमाह महज 1650 रूपये मानदेय का भुगतान किया जाता है जो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। जबकि वे प्रतिदिन छह घंटे विद्यालय में अपनी सेवा देती हैं। इतने कम मानदेय से महंगाई के इस दौर में घर-परिवार चलाना संभव नहीं है। निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय का भुगतान श्रम कानून का उल्लंघन है। ऐसा करके सरकार उनका शोषण कर रही है। रसोइयों ने कहा कि उनकी मेहनत व कार्य की प्रकृति को ध्यान में रखकर कम से कम 18000 रूपये मासिक मानदेय निर्धारित होना चाहिए। रसोइयों के अनुसार उन्हें जो अल्प मानदेय का भुगतान किया जाता है वह भी समय पर नहीं मिलता है। उन्हें साल में केवल दस महीने के मानदेय का भुगतान ही किया जाता है जो उनके साथ सरासर अन्याय है। फ्रंट के नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जिस तरह दलित मसादलित समुदाय के उत्थान को ध्यान में रखकर शिक्षा सेवकों व विकास मित्रों के मानदेय में वृद्धि की गई है उसी तरह रसोइयों को भी सम्मानजनक मानदेय मिलना चाहिए। क्योंकि रसोइयों में सबसे अधिक तादाद दलित मसादलित व पिछड़े समुदाय का है। यहां आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रम में मानती देवी, मीना देवी, चंद्रावती देवी, धर्मशीला देवी, प्रमीला देवी, उर्मिला देवी, बेबी देवी, चिंता देवी, हीरामुनी देवी, कांति देवी आदि शामिल थी।

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