District Adminstrationकिशनगंजब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

किशनगंज : डेंगू बुखार होने पर रहें सतर्क, तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क: सिविल सर्जन

डेंगू के कुछ लक्षण हैं: जैसे आंखों के पीछे दर्द होना, हड्डियों के जोड़ों पर भयानक दर्द होना और मच्छर के काटने पर लाल चकते होना, डेंगू के गंभीर मरीज का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता

किशनगंज, 03 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, डेंगू को लेकर जिले का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। लोगों को इस बीमारी के बारे मे जागरूक किया जा रहा है। उन्हें बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं। साथ ही डेंगू पीड़ित मरीजों के गांवों-टोलों में स्वास्थ्य विभाग की प्रशिक्षित टीम द्वारा जागरूकता फैलाई जा रही है। ताकि डेंगू मच्छर का प्रकोप खत्म हो सके। खासकर वैसे लोगों को, जिन्हें पहले डेंगू हो चुका है। इस तरह के लोग जरा सा भी लापरवाही नहीं करें। डेंगू को लेकर अभी सभी लोगों को सतर्क रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को दोबारा से डेंगू बुखार होने की आशंका पर सरकारी अस्पताल या फिर डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि डेंगू को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है, कि कैसे डेंगू से बचें। उन्होंने बताया कि दिन में मच्छर काटने से यह बीमारी होती है। कहा कि डेंगू के कुछ लक्षण हैं। जैसे आंखों के पीछे दर्द होना, हड्डियों के जोड़ों पर भयानक दर्द होना और मच्छर के काटने पर लाल चकते होना। डेंगू के गंभीर मरीज का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है। इसलिए उसे भर्ती करना पड़ता है। इसके अलावा सिर में दर्द होना, तेज बुखार होना जैसे लक्षण सभी को मालूम हैं। अगर इस तरह का अहसास हो तो तत्काल डाक्टर से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार का उपचार सामान्य विधि से होता है। इसके लिए पारा सिटामोल सुरक्षित दवा है। डेंगू के मरीजों में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या 10,000 से कम होने पर अथवा रक्तस्राव के लक्षण दिखने पर विशेष परिस्थिति में ब्लड प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने बताया कि मरीज को डेंगू होने पर अधिक से अधिक पानी, ओआरएस घोल, नींबू पानी, नारियल पानी पीना चाहिए। नींबू का रस शरीर में मौजूद विषैले तत्व को दूर करते हैं। इसके अलावा चिकन सूप या अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए। डीभीडीसीओ डा० मंजर आलम ने कहा कि स्वच्छता इसका रामबाण इलाज है। घरों व आसपास सफाई रहेगी, कूलर, गमलों आदि में पानी जमा नहीं रहेगा, तो डेंगू मच्छर की पैदाइश कम होगी। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह से ढकने वाला कपड़ा पहनें। शरीर का जो हिस्सा ढका नहीं है, उस पर मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। ऐसा करते रहने से डेंगू से बचे रहेंगे। दिन में मच्छर काटने से यह बीमारी होती है, इसलिए इससे बचाव पर फोकस करना चाहिए। डेंगू के सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। अगर सफाई रहेगी तो न कूलर में पानी जमा रहेगा और न ही नारियल के खोली में। साफ रहने पर सभी कुछ खत्म रहेगा। इसलिए नियमित तौर पर सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। सिविल सर्जन ने बताया कि एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक-मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र अथवा सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। डेंगू से बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के सभी कमरों को साफ-सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!