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किशनगंज : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा

स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा पहुंचाने, संचालित एवं सेवाओं को बाधित करने के मामले में आशा को चिह्नित कर दर्ज करायें प्राथमिकी : जिलाधिकारी

किशनगंज, 10 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, जिले में निर्धारित मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मानकों में सुधार को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इन्ही बातों को लेकर स्वास्थ्य संबंधी मामलों की मासिक समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभागार में गुरुवार को आयोजित की गयी। डीएम सह अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति श्रीकान्त शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य संबंधी मामलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवाओं में निर्धारित मानकों में जिले का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी, संचारी रोग पदाधिकारी, भीवीडीसीओ, डीपीओ आईसीडीएस,  सदर अस्पताल उपाधीक्षक, डीपीएम, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे। डीएम के द्वारा बैठक में स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस मनाने का निर्देश दिया गया है। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस यानी वीएचएसएनडी आम लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाता है। वीएचएसएनडी स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श के साथ महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूक करने का  मंच भी है। इसके साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, जैसे टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण वृद्धि निगरानी तथा प्रारंभिक शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान करने का बेहतर जरिया है। हर सप्ताह बुधवार व शुक्रवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में मंगलवार को सभी चिकित्सा संस्थानों में आयोजित एएनएम की सप्ताहिक समीक्षात्मक बैठक में जरूरी दिशा निर्देश भी दिये गये। बैठक में मातृत्व-शिशु सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर विचार किया गया। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने कहा कि बीते कुछ माह के दौरान एएनसी जांच और  प्रसव संबंधी जटिल मामलों को चिह्नित करने की प्रक्रिया में तेजी आयी है। हर माह इसमें 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का लक्ष्य निर्धारित है। प्रथम तिमाही के दौरान गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, प्रसव काल के दौरान चार या इससे अधिक बार एएनसी व हीमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी व जन्म के उपरांत 2.5 किलो से कम वजन वाले नवजात को चिह्नित कर उनका समुचित उपचार तथा डायरिया प्रबंधन को लेकर प्रभावी कदम उठाने का निर्देश उन्होंने दिया। एएनसी जांच मामले में शत प्रतिशत उपलब्धि को लेकर अधिकारियों को निरंतर क्षेत्र भ्रमण करते हुए संबंधित क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम को खास तौर पर इसके लिेय प्रेरित करने का निर्देश उन्होंने दिया। सिविल सर्जन ने कहा कि डीएम के निर्देश पर हर स्वास्थ्य ईकाइयों का अनुश्रवण अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार, नियमित रूप से ओपीडी व आपातकालीन सेवाओं का संचालन, निर्धारित रोस्टर के मुताबिक कर्मियों की सेवा सुनिश्चित कराने के साथ-साथ अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया।साथ ही 80 प्रतिशत से कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों का नियमित अनुश्रवन का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है। जिले की आशा व आशा फैसिलिटेटरों की अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। इस क्रम में विरोध स्वरूप आशा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वास्थ्य संबंधी कार्यों को बाधित करने का मामला सामने आ रहा है। इससे जरूरी इलाज से मरीज को वंचित होना पड़ रहा है। संबंधित मामले को लेकर जिला प्रशासन सख्त है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने आशा कर्मियों के इस कृत्य को हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए संबंधित मामले में दोषी आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित कराने का आदेश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया है। डीएम ने अश्विन पोर्टल के अनुरूप कार्य में लापरवाही बरतने व स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने के मामले में दोषी आशा कार्यकर्ताओं को चिह्नित करते हुए उनके विरुद्ध संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उन्हें चयन मुक्त करने का आदेश दिया है। संबंधित मामले में डीएम ने सिविल सर्जन व सभी एमओआईसी को जरूरी कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा है। सिविल सर्जन ने बताया कि आशा के कार्य को अनुश्रवण व भुगतान अश्विन पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। जिन आशा का कार्य पोर्टल पर परिलक्षित नहीं होता व स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने के मामले में दोषी आशा को चिह्नित कर कार्रवाई का आदेश जिलाधिकारी से प्राप्त है। उन्होंने बताया कि संबंधित मामले में स्वास्थ्य विभाग के सचिव सह कार्यपालक निर्देशक संजय कुमार द्वारा भी सख्ती बरतने का आदेश प्राप्त है। आशा व आशा फैसिलिटेटर संबंधित क्षेत्र में मुख्यत: 60 फीसदी बच्चों का एचबीएनसी, गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग, 60 फीसदी गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, महिलाओं का संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, आशा दिवस में प्रत्येक माह अपनी भागीदारी को लेकर जिम्मेदार हैं। इसमें कम से कम चार कार्य अनिवार्य रूप से संपादित करने में एनएचएम के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा उन्हें एक हजार रुपये का प्रोत्साहन प्रति माह दिया जाता है।

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