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आयुक्त श्री रवि द्वारा अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच एवं कृत कार्रवाई की समीक्षा की गई

जन्म पूर्व लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है; उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध विधि-सम्मत कठोरतम कार्रवाई करेंः आयुक्त

पीसी-पीएनडीटी कानून का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

बेहतर लिंग-अनुपात सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकताः आयुक्त

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री कुमार रवि द्वारा आज अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के जाँच एवं कृत कार्रवाई की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि पटना प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों में 118 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया है।

गौरतलब है कि आयुक्त श्री रवि द्वारा दिनांक 23 मई, 2023 को आयोजित प्रमंडल-स्तरीय एक बैठक में सभी जिला पदाधिकारियों को पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी-पीएनडीटी) अधिनियम, 1994 का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया था। इसके लिए उन्होंने दण्डाधिकारियों, चिकित्सा पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों के नेतृत्व में डेडिकेटेड टीम गठित कर अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का जाँच कराने एवं निरीक्षण प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई करने का निदेश दिया था। आज की समीक्षा में पाया गया कि पटना में 37 टीम द्वारा 532 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की गई। जाँच में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की संख्या 119 पाई गई। इसके आलोक में 29 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया तथा शेष 90 केन्द्रों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। नालन्दा में 26 टीम द्वारा 63 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की गई। जाँच में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की संख्या 14 पाई गई। अन्य अनियमितता पाये जाने वाले केन्द्रों की संख्या 35 है। इसके आलोक में 18 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया एवं 01 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। शेष केन्द्रों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। भोजपुर जिला में 18 टीम द्वारा 97 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की गई। जाँच में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की संख्या 21 पाई गई। अन्य अनियमितता पाये जाने वाले केन्द्रों की संख्या 14 है। इसके आलोक में 35 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया। बक्सर जिला में 14 टीम द्वारा 37 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की गई। जाँच में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की संख्या 20 पाई गयी। अन्य अनियमितता पाये जाने वाले केन्द्रों की संख्या 05 है। इसके आलोक में 20 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया। रोहतास जिला में 45 टीम द्वारा 84 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की गई। जाँच में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की संख्या 04 पाई गई। अन्य अनियमितता पाये जाने वाले केन्द्रों की संख्या 22 है। इसके आलोक में 10 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया। शेष 16 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों से कारण पृच्छा की गई है। प्राप्त उत्तर के आलोक में अग्रतर कार्रवाई की जाएगी। कैमूर जिला में 13 टीम द्वारा 43 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच की गई। जाँच में अन्य अनियमितता पाये जाने वाले केन्द्रों की संख्या 06 है। इसके आलोक में सभी 06 अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों को सील किया गया।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर शेष अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों के विरूद्ध विधि-सम्मत सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जन्म-पूर्व लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है। सभी जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराएँ। सभी जिला पदाधिकारी अपने-अपने जिलों में संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का नियमित जाँच कराएँ। स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निदेशों के आलोक में विधि-सम्मत कार्रवाई करें। सभी प्रखण्डों एवं नगर निकायों में अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों की जाँच कराएँ। जिले में एक भी अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र नहीं रहना चाहिए। अपंजीकृत केन्द्र को अल्ट्रासाउण्ड मशीन की बिक्री निषिद्ध है। कानून एवं नियम का उल्लंघन करने वाले क्लिनिक को सील करें, गुणवत्तापूर्ण आरोप-पत्र दाखिल करें तथा दोषी चिकित्सकों के विरूद्ध कार्रवाई करें। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि वे पुनः कृत कार्रवाई प्रतिवेदन (एटीआर) की समीक्षा करेंगे। सभी जिला कानून तथा नियम का उल्लंघन करने वाले निबंधित, अनिबंधित, वैध एवं अवैध क्लिनिक तथा चिकित्सकों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करें।

आयुक्त श्री रवि ने निदेश दिया कि भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के उद्देश्य से अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउण्ड पर प्रतिबंध लगाएँ। उन्होंने कहा कि सेक्श-रेशियो तथा चाईल्ड सेक्श-रेशियो को बेहतर रखना हम सबका दायित्व है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 4 एवं 5 के अनुसार जन्म के समय सेक्श-रेशियो का तुलना करने पर पता चलता है कि भोजपुर में 885 से घटकर 872, बक्सर में 962 से घटकर 886 हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे रोकने की आवश्यकता है। सभी स्टेकहोल्डर्स इसके लिए प्रतिबद्ध रहें। प्रसव पूर्व निदान तकनीक (विनियमन एवं दुरूपयोग निवारण) अधिनियम, 1994 के अंतर्गत नियुक्त प्राधिकार इसके लिए तत्परता से कार्य करें। जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक तथा अनुमंडल पदाधिकारी सजग रहकर आवश्यक कार्रवाई करें। अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध विधि-सम्मत कठोरतम कार्रवाई करें।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि लिंग अनुपात एवं बाल लिंग अनुपात की अच्छी स्थिति के लिए सभी पदाधिकारी नियमों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएँ।

 

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