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किशनगंज : विसर्जन में महिलाओं ने खेली सिंदूर की होली

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, शहर की फिजाओं में बंग संस्कृति के घुले मिले होने के कारण शहर के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों सहित मंदिरों में अदभुत नजारा देखने को मिला। गुरुवार व शुक्रवार के दिन शहर के पूजा पंडालों में महिलाओं ने जमकर सिंदूर की होली खेली। इस दौरान शादीशुदा महिलाओं ने मां दुर्गा सहित सभी प्रतिमाओं की मांग में सिंदूर लगाकर और मां का मुंह मीठा कराकर उन्हें चुमाया। इसके बाद एक दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर सुहाग की सलामती की दुआ मांगी। गौरतलब हो कि बंगाली समुदाय के लोगों का ऐसा मानना है कि मां दुर्गा साल में पांच दिनों के लिए अपने मायके आती हैं। मां के आगमन की खुशी में दुर्गा पूजा मनाया जाता है। अपने पांच दिनों के प्रवास के बाद मां दुर्गा कैलाश पर्वत चली जाती हैं। बंगाली समुदाय में मां दुर्गा को बेटी की मान्यता दी गई है। बेटी को सुहागन विदा करने के उद्देश्य से महिलाओं द्वारा पहले उनका मुंह मीठा कराया जाता है। फिर पान के पत्तों से उन्हें चूमाया जाता है और उनकी आरती उतारी जाती है। फिर मीठा पान खिलाकर व मांग भरकर उन्हें नम आंखों से विदा किया जाता है। चूंकि सिंदूर को हिन्दू धर्म में सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिये ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर लगाती हैं। उनका सुहाग सलामत रहता है। इसलिए महिलाएं इस मौके पर एक दूसरे की मांग में सिंदूर भरकर तथा सिंदूर की होली खेलकर एक दूसरे के सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं।

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