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किशनगंज : सुरजापुरी विकाश मोर्चा के सुप्रीमों के आग्रह पर आत्मदाह की घोषणा टली, दिघलबैंक प्रखंड प्रमुख ने बीडीओ के मनमानी रवैयों पर उठाया था सवाल..

कोविड19 से पीडत बीडीओ के लगातार कार्य करने का था मामला।

सूविमो के सुप्रीमों एवं वयोवृद्ध नेता ताराचंद धानुका ने प्रखंड प्रमुख पूनम देवी को पत्र लिखा।जिसमें उन्होंने एक पिता की भांति एक पुत्री का मार्गदर्शन करते, आत्मदाह कार्यक्रम को स्थगित करने का अनुरोध किया है।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के दिघलबैंक प्रखंड से एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।दिनांक-09.12.2021 को जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय जिला परिषद किशनगंज में दिघलबैंक प्रमुख श्रीमती पूनम देवी ने मीडिया से कहा कि अगर हमें न्याय 7 दिनों में नहीं मिला तो मैं जिला मुख्यालय के सामने आत्मदाह कर लूंगी।आपको बताते चलें कि दिघलबैंक प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री पूरण साह ने अपने कार्यालय के पत्रांक 1560 दिनांक 5 दिसम्बर 2020 से पत्र जारी कर कह रहे हैं कि अधोहस्ताक्षरी को पुनः कोविड-19 पॉजिटिव हो जाने एवं चिकित्सक परामर्श के अनुसार उनका सलाह दिया गया है जिस कारण कार्यालय के पत्रांक-1528 दिनांक 26.11.2020 के आलोक मे अपरिहार्य कारणवश दिनांक 07.12.2020 को पंचायत समिति सदस्य की आकृति बैठक को अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है यानी कि दिनांक 26.11.2020 को दिघलबैंक वीडियो कोरोना पोजोटिव मिले।पुनः 4 दिसंबर 2020 को कोरोना पॉजिटिव मिले।यहां गौर करें कि दिघलबैंक बीडीओ अपने कार्यालय के पत्रांक 1528 दिनांक 26.11.2020 से पंचायत समिति की बैठक में भाग लेने के लिए पत्र जारी करते हैं कि दिनांक 07.12.2020 को प्रखंड सभागार में दिन के 11 बजे पंचायत समिति की बैठक आहूत की गई है जिसमें सदस्यों का उपस्थित प्रार्थनीय है गत बैठक की कार्रवाई की समीक्षा में 15वें वित्त आयोग अंतर्गत योजनाओं का चयन कि थी।प्रखंड प्रमुख श्री मति पूनम देवी ने कहा कि बीडीओ दिघलबैंक 26 नवंबर 2020 से कोरोना पॉजिटिव रहते हुए अब तक कार्य करते आ रहे हैं और पत्र पत्राचार कर हम सभी का मुश्किलें बढ़ा दिए है प्रखंड प्रमुख दिघलबैंक श्रीमती पूनम देवी ने पत्रांक 36/2020 दिनांक 09.12.2020 से पत्र जारी करते हुए DDC किशनगंज के नाम से जिसमे प्रतिलिपि DM किशनगंज व जिला परिषद अध्यक्ष को दिया गया है।कहा कि मैं पूनम देवी प्रखंड प्रमुख दिघलबैंक जानना चाहती हूं कि पंचायत समिति की बैठक बुलाने या स्थगित करने का अधिकार किसे प्राप्त है मेरे प्रखंड में प्रमुख की सहमति से बैठक बुलाई जाती है किंतु स्थगित करने की सूचना स्वंय दिघलबैंक BDO करते हैं क्या यह नियमतः सही है अगर नहीं तो क्या यह महिला प्रमुख का उत्पीड़न है या नही अगर है तो एक तरफ वीडियो खुद को कोरोना पॉजिटिव होने का पत्र जारी करते हैं दूसरी ओर बैठक बुलाने का पत्र जारी करते हैं ऐसे में क्या कोई लोक सेवक कोरोना से ग्रसित होकर कार्य कर सकते हैं अगर नही तो यह कैसे एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए संक्रमण की सूचना दिए बगैर अपना काम कर कोरोना फैलाने का कार्य कर रहे हैं श्रीमती पूनम देवी ने कहा कि अगर वीडियो दिघलबैंक पे आपदा प्रबंधन नियमों का उल्लंघन महिला उत्पीड़न का मामला दर्ज नहीं हुआ कार्रवाई नहीं हुई तो मैं जिला मुख्यालय किशनगंज के सामने आत्मदाह कर लूंगी।गौर करे कि दिनांक 09.12.2020 को जिला परिषद की बैठक के बाद जिला प्रशासन के तानाशाही रवैयों से तंग आकर दिघलबैंक प्रमुख पूनम देवी ने उक्त आत्मदाह की घोषणा की थी।पूछे जाने पर मामला दिघलबैंक बीडीओ से जुड़ा बतलाया गया।जहाँ प्रखंड के बीडीओ कोरोना पिड़ित होकर भी अपना काम कर रहे थे, और जिला प्रशासन उन्हें इसी काल में अंचलाधिकारी के प्रभार के लिए पत्र लिख रहा था।हालांकि जिप की बैठक से उप विकास आयुक्त के बिना जबाब दिये निकलने की बातें प्रमुख ने बतलाई थी।इसके बाद हीं वे मीडिया द्वारा पूछे गये सवालों का जबाब देते हुए, कार्यवाही न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी थी।बीते दिन इसी बावत सूविमो के सुप्रीमों एवं वयोवृद्ध नेता ताराचंद धानुका ने प्रखंड प्रमुख पूनम देवी को पत्र लिखा।जिसमें उन्होंने एक पिता की भांति एक पुत्री का मार्गदर्शन करते, आत्मदाह कार्यक्रम को स्थगित करने का अनुरोध किया है।बीते गुरुवार को मिले सू०वि०मो० के पत्र को सार्वजनिक करते प्रमुख ने कहा है कि-बाबूजी (तारा बाबू) का अनुरोध मेरे लिए आदेश है।किन्तु मेरी लड़ाई ऐसी कुव्यवस्थाओं के लिए जारी रहेगी।जिस पर जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

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