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मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में मदरसा शिक्षकों की बातें नहीं की गई, नीतीश कुमार भाजपा और आरएसएस को खुश करने में लगे रहे : राजद

सोनू यादव/युवा राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव विधायक कारी मो शोहैब, प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद, पुर्व विधायक मुजाहिद आलम ने संयुक्त रूप से राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मदरसा बोर्ड के द्वारा फर्जी शताब्दी समारोह मनाया गया। जबकि वर्ष 2022 में ही मदरसा बोर्ड के 100 वर्ष पूरे हो गए थे। मदरसा बोर्ड के द्वारा करोड़ो रूपए खर्च करके नीतीश कुमार और भाजपा के मंत्रियों के प्रचार किये गये। लेकिन शर्म की बात यह कि उर्दू अखबार वालों से जबर्दस्ती मुफ्त में इश्तिहार छापवाया गया है और वह भी पत्राचार करके जिसमें धमकी भरे शब्द छुपे हुए थे, ये निंदनीय है।
कारी सोहैब ने आगे कहा कि शताब्दी समारोह के नाम पर गैर कानूनी तरीके से बिहार के तमाम सरकारी मदरसों में छुट्टी की घोषणा कर शिक्षकों को शताब्दी समारोह के नाम पर जदयू की रैली में शामिल होने और नीतीश कुमार को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए मजबूर किया गया , मदरसा बोर्ड के जदयू परस्त चेयरमैन की शर्मनाक हरकत से मुस्लिम इदारों को जदयू ने अपने राजनीतिक हित में इस्तेमाल किया और यह आज दिखा। वार्षिक इंक्रीमेंट जो लालू राबड़ी जी के कार्यकाल के समय से मिल रहा था, उसे 01/04/2013 से बंद कर दिया गया । मदरसा के शिक्षकों को मेडिकल का लाभ नहीं दिया जा रहा है। अफ़सोस की बात है कि 2460 कोटी के मदरसों में से 609 और 205 कोटी के मदरसों को बार-बार जाँच के नाम पर परेशान और बर्बाद किया जा रहा है, जिसके नतीजे में 205 कोटी के 125 मदरसों के शिक्षकों का वेतन दो वर्षों से बंद है और वे भूखों मरने पर मजबूर हैं।
1128 कोटी के पुराने शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ नहीं दिया जा रहा है। 1138 कोटी के जो शिक्षक हाफ़िज़ के पद पर बहाल हैं, उन्हें चपरासी से भी कम वेतन दिया जा रहा है। 2020 से ही मदरसों में बहाली बंद है, जिसकी वजह से बिहार के सैकड़ों मदरसे बंद हो चुके हैं। मदरसा खोलने और चलाने का अधिकार अनुच्छेद 29-30 के तहत मदरसा प्रबंध समिति को है, जिसे छीनने की पूरी कोशिश की जा रही है। 2022 के एक्ट में बदलाव के लिए बार-बार सरकार से कहा जा रहा है लेकिन उसे जान-बूझकर नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। मैथ और साइंस के टीचरों की बहाली मदरसा बोर्ड द्वारा नहीं की जा रही है।
इन्होंने कहा कि मदरसा के जांच के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है। आज के कार्यक्रम में नीतीश कुमार जी के द्वारा जिस तरह के कार्य किए गए उससे स्पष्ट रूप से लगा कि यह बीजेपी आरएसएस के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य कर रहे हैं। जहां उर्दू अखबार उसके मालिकों से जबरदस्ती फ्री में विज्ञापन छाप पाए गए। सारे मदरसा शिक्षकों को अपने खर्चे पर धमका कर बुलाया गया लेकिन उनकी बातें नहीं की गई। इन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिस तरह से आज मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम हुए इससे ऐसा लगा कि नीतीश कुमार जी ना पहले सेकुलर थे और ना सेक्युलर हैं और ना ही सेकुलर रहेंगे क्योंकि वह भाजपा आरएसएस को खुश करने में लगे हुए हैं भाजपा के गोद में बैठकर मदरसा वर्क बोर्ड सहित और धार्मिक संस्थाओं की हिफाजत नहीं की जा रही है और सरकार के स्तर से जिस तरह से कार्य हो रहे हैं उसे ऐसा लग रहा है की धार्मिक संस्थाओं के पहचान को समाप्त करने की दिशा में कहीं ना कहीं सरकार के स्तर से कार्रवाई चल रही है इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष और आंदोलन करेगा।
इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में पूर्व विधायक लाल बाबूराम, अति पीथापुर पोस्ट के उपेंद्रचंद्रवंशी, अमजद कमाल, आकिब खान रहमत अली एवं विक्रांत राय उपस्थित थे।

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