देशव्यापी बंद के दौरान अगिआव प्रखंड में पूर्ण रूप से चक्का जाम किया।

मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ आज आइसा – भाकपा माले, RYA अगिआंव बाजार पर चक्का जाम किया गया।*
बिहार के गरीबों, पिछड़ों और दलितों को मतदाता सूची से नाम काटने की साजिश नहीं चलेगा – भाकपा माले*
गुड्डू कुमार सिंह/सभा को संबोधित करते हुए इंडिया गठबंधन ने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी विशेष सघन मतदाता पुनरीक्षण यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संविधान और मताधिकार की रक्षा के लिए नौजवानों की निर्णायक हस्तक्षेप है। आरोप लगाया है कि यह पूरी प्रक्रिया नए युवा वोटर, गरीब, दलित, मजदूर, प्रवासी और वंचित तबकों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है और इसका सीधा लाभ सत्ताधारी भाजपा-जदयू गठबंधन को पहुंचाना है। जिस राज्य में जन्म प्रमाण पत्र सिर्फ 2.8 प्रतिशत लोगों के पास हो, वहां करोड़ों मतदाताओं से पासपोर्ट, जमीन के कागज, एनआरसी जैसी दुर्लभ और अपवर्गीय दस्तावेज मांगना एक तरह की वोटबंदी है। कहा कि यह पूरा अभियान मतदाता सूची के सामान्य सुधार की आड़ में नागरिकता साबित करने की नई व्यवस्था थोपने जैसा है, जिसकी न तो कोई संवैधानिक वैधता है, न ही लोकतांत्रिक आधार। यह लोकतंत्र को कमजोर करने और संविधान के सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की भावना को कुचलने की कोशिश है।
आरवाईए जिला सहसचिव अखिलेश गुप्ता ने कहा कि जब आधार, राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज सरकारी योजनाओं और पहचान के लिए मान्य हैं, तो उन्हें मतदाता प्रमाण के तौर पर क्यों खारिज किया जा रहा है। भाजपा पिछले वर्ष जो लोकसभा का चुनाव से जीत दर्ज कर मोदी सरकार चल रही है जब ये अवैध नहीं तो बिहार की मतदाता अवैध कैसे हो गई। बिहार में करीब 8 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से करीब 2से 3 करोड़ मतदाता मजदूरी करने दूसरे राज्य में गए हैं इन लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश है भाजपा और नीतीश सरकार को।
वहीं राजद नेता अकबर अली ने कहा कि बिहार का मामला भर नहीं, बल्कि पूरे देश के मतदाताओं के भविष्य का सवाल है और अगर आज चुप रहे तो कल हर राज्य में गरीबों और वंचितों के वोट छीने जाएंगे। हमारी संविधान की यही खूबसूरती थी कि देश का गरीब हो या अमीर, दलित- पिछड़ा हो या स्वर्ण, देश का राष्ट्रपति हो या या किसान, मजदूर , भूमिहीन या सफाईकर्मी सबको अंबेडर साहब ने एक वोट का अधिकार दिया था। इस वोट का अधिकार को छीनकर कर पिछड़ों , दलितों के बढ़ते दावेदारी को कुचलना चाहती है। वोट का अधिकार मतलब गरीब का राज्य। इस राज को खत्म करना चाहती है। 12 दिनों के मतदाता पुनरीक्षण में सिर्फ 14% ही कर पाया है। बाकी 18 दिनों में 86% मतदाताओं का पुनरीक्षण कैसे संभव है मोदी और नीतीश सरकार को बताना होगा। इसके खिलाफ में 9 जुलाई को पूरे बिहार का चक्का जाम किया जाएगा।
इस चक्का जाम में शामिल थे प्रखंड सचिव भोला यादव,राजद प्रखंड अध्यक्ष नंद किशोर यादव,RYA जिला सहसचिव अखिलेश गुप्ता,दसई राम,विष्णु मोहन,सुनील पासवान,अमित यादव,भूषण यादव,बिनोद सिंह,नागेंद्र यादव,अप्पू यादव,भगीरथ राम,आज़ाद राम,नफीस अहमद,अजय राम,कृष्णा पासवान,अजय मेहता,भुलेटन चौदरी,रमेश यादव,धीरा,सहित दर्जनों नेता शामिल थे।