*बिहार विधानसभा उप-चुनाव: प्रशांत किशोर ने बिहार के बच्चों की दुर्दशा पर जताई चिंता, कहा- बिहार के बच्चे दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं और बिहार और गया के लोग आज भी जातिवाद में फंसे हुए हैं*
श्रुति मिश्रा/गया। जन सुराज के शिल्पकार और पार्टी के स्टार प्रचारक प्रशांत किशोर ने आज इमामगंज विधानसभा के डुमरिया प्रखंड के छकरबंधा गांव में जन सुराज प्रत्याशी जितेंद्र पासवान के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि छकरबंधा के लोग यहां तब एकत्रित हुए हैं जब उन्हें पता चला कि एक प्रशांत किशोर आए हैं जो पिछले दो वर्षों से अपना घर छोड़कर बिहार के गांव-गांव में पैदल घूम रहे हैं। लेकिन इमामगंज के लोग, छकरबंधा के लोग भूल गए हैं कि उनके बच्चे, उनके भाई, उनके पति कई वर्षों से अपना घर छोड़कर दूसरे राज्यों में मजदूरी कर रहे हैं क्योंकि बिहार में, गया में कोई रोजगार की व्यवस्था नहीं है। बिहार के बच्चे दूसरे राज्यों में छोटे-छोटे कमरों में बहुत कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं ताकि कुछ पैसे बचा सकें और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए गांव भेज सकें। लेकिन आपको अपने बच्चों का संघर्ष नहीं दिखता। आज उनकी ये दुर्दशा है, इसके लिए आप भी जिम्मेदार हैं क्योंकि आपने कभी अपने बच्चों की शिक्षा या रोजगार के लिए वोट नहीं दिया। जब वोट देने का समय आता है तो आप देखते हैं कि हमारी जाति का कौन है या फिर आप एक पार्टी को हराने के लिए दूसरे को वोट देते हैं।
उन्होंने गया जिले के छकरबंधा गांव के पिछड़ेपन पर भी चिंता व्यक्त की और घोषणा की कि अगले वर्ष 2025 में जब जन सुराज की व्यवस्था स्थापित हो जाएगी, तब एक वर्ष के भीतर छकरबंधा गांव का कायापलट कर दिया जाएगा।