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70 साल के पति अपनी 68 साल की पत्नी को 100 मीटर घसीट कर राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) लाएँ, स्टाफ ने स्ट्रेचर नहीं दिया…….
राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में सोमवार सुबह 70 साल के पति अपनी 68 साल की पत्नी को लेकर आए।पत्नी की स्कूटी से टक्कर में पैर टूट गया था।प्लास्टर के बाद भी दर्द है।डॉक्टर ने एक्स-रे लिखा।स्टाफ ने स्ट्रेचर नहीं दिया।पति ने पत्नी की टांग उठाई।खिसकाते हुए ले गए।काफी दूर तक करीब 100 मी०।फिर रिपोटर ने देखा,तो रोका।स्टाफ से स्ट्रेचर दिलाया।पत्नी प्रभावती को ऑर्थो ओपीडी से निकलकर एक्सरे कराने के लिए पति रघुनंदन प्रसाद सिंह को उन्हें घसीट कर ले जाना पड़ा।जिसने भी यह दृश्य देखा,हैरान रह गया।लोगों ने रुककर उनको देखा तो जरूर मदद के लिए हाथ नहीं बढ़े।करीब 100 मी० तक बुजुर्ग व्यक्ति पत्नी को घसीटकर ले गया।लेकिन,न तो रिम्स के किसी कर्मचारी को यह सीन दिखा और न ही चेंबर में बैठे प्रभारी अधीक्षक को।इस मामले की शिकायत जब निदेशक डॉ.बीएल शेरवाल से की गई।तो उन्होंने जिम्मेवार अफसर प्रभारी अधीक्षक डॉ.रघुनाथ प्रा० सिंह को बुलाया।वे निदेशक के सामने ही मीडिया पर भड़क गए और कहा कि’सर…पांच मिनट का समय मिल जाता तो ट्रॉली की व्यस्था करा देते।इसके बाद डॉ.शेरवाल ने उन्हें फटकारा और कहा कि जो भी इस घटना के दोषी हैं,उनका वेतन काटिए।रघुनंदन प्रसाद सिंह ने बताया कि वे कोकर,रांची में रहते हैं।करीब दो माह पहले स्कूटी सवार किसी महिला ने प्रभावती को टक्कर मार दिया था।इससे उसका दायां पैर टूट गया था।रिम्स में ही इलाज करा रहे हैं।पैर में दर्द हो रहा था।इसलिए डॉक्टर से दिखाने के


लिए ऑर्थो ओपीडी में लाया।डॉक्टरों ने जांच करने के बाद एक्सरे कराने को कहा।पत्नी को एक्सरे रूम तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर के बारे में खोजबीन की।लेकिन,स्ट्रेचर नहीं मिला।तो घसीटकर लाना पड़ा।जब वह अपनी पत्नी का पैर घसीट कर ले जा रहे थे।तब उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। यह देख रघुनंदन सिर नीचे करके चल रह थे।जब वह एक्सरे रूम पहुंचें तो उनकी हालत देख वहां के टेक्नीशियन प्रेम झा,मो आलम ने तत्काल एक्सरे कराया।इसके बाद भास्कर रिपोर्टर ने स्ट्रेचर की व्यवस्था कराई।हेल्थ मिनिस्टर रामचंद्र चंद्रवंशी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार शाम रिम्स के अफसरों को अपने आवास पर तलब किया।स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी सहित रिम्स के जिम्मेवार अफसरों के साथ बैठक कर उन्होंने घटना के संबंध में जानकारी ली।बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने के मामले की जांच डायरेक्टर खुद करेंगे।वे सारे पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे।जो भी दोषी होगा,उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।वही झारखण्ड के चतरा से खबर आ रही है की यहां के प्रतापपुर

हॉस्पिटल की कुव्यवस्था ने एक प्रेग्नेंट लेडी की जान ले ली।दोपहर में एक गर्भवती महिला प्रतापपुर हॉस्पिटल पहुंची।डॉक्टर नहीं थे।नर्स ने पहले उसे एडमिट कर लिया।प्रेग्नेंट लेडी दर्द से तड़प रही थी।इसके बावजूद न तो उसे कोई मेडिसिन दी गई और ना ही मौके पर डॉक्टर पहुंचा। इसी बीच महिला की स्थिति बिगड़ने लगी।यह देखकर वहां की नर्स ने उसे दूसरे हॉस्पिटल में ले जाने की सलाह दे दी।पीड़ित महिला के परिजन ने जैसे ही दूसरे हॉस्पिटल ले जाने की तैयारी शुरु की, वैसे ही हॉस्पिटल के दरवाजे पर महिला की मौत हो गई।इसके बाद परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को काफी समझाया।इसके बाद जाकर हंगामा शांत हुआ।