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*बिहार में ग्राम कचहरी पंचायती राज व्यवस्था को बंद करने का करेंगे अपील – पटना में सवा लाख जनप्रतिनिधि तथा कर्मी राज्यपाल को सौपेंगे सामूहिक इस्तीफा*

जितेन्द्र कुमार सिन्हा,  ::देश दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली घटना क्रम देखने को मिलेगी 12 जनवरी 2024 को 12:12 मिनट पर, बिहार की राजधानी पटना में सवा लाख जनप्रतिनिधि तथा कर्मी सौपेंगे महामहिम राज्यपाल को सामूहिक इस्तीफा और बिहार में ग्राम कचहरी पंचायती राज व्यवस्था को बंद करने का करेंगे अपील। क्योंकि नहीं हो रहा है गांधी जी का सपना साकार। उक्त बातें विहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने बातें कही।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 से अब तक विधिवत राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का चुनाव कराया तो जाता रहा है, लेकिन पिछले 17 वर्षों से सरकार, शासन-प्रशासन द्वारा राज्य के लगभग 80% आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले इमानदार सच्चे पंच, सरपंच, उपसरपंच तथा कर्मीगण के साथ किया जा रहा है सौतेलापन व्यवहार तथा अपमानित।

प्रदेश अध्यक्ष अमोद कुमार निराला ने बताया कि अब तक दर्जनों पंच परमेश्वर की निर्मम हत्या, सैकड़ों पर चलाऐ जा रहे झूठे मुकदमे, सुविधा-सहयोग के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जाता है। साल के 365 दिन 24 घंटा जनता जनार्दन के दुख-सुख में सेवा करने वालों का बिहार में बहुत बुरा हाल है। पंच परमेश्वर ने अनुमंडल, व्यवहार न्यायालयो का भी वोझ काफी कम किया है। लेकिन शासन-प्रशासन सत्ताधारी हो या प्रतिपक्ष सभी ने केवल झूठा आश्वासन और घोषणा की है, जबकि जमीनी हकीकत शुन्य है।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि ग्राम कचहरी के लगभग डेढ़ लाख प्रतिनिधि कर्मीगण लोकतांत्रिक पद्धति से लगातार सूबे के ग्राम कचहरियों को ससुविधा संपन्नता हेतु 11 सूत्री मांगों के समर्थन में प्रखंड, जिला, अनुमंडल, प्रमंडल एवं राज्य स्तर पर आंदोलन तथा अनुनय-विनय करते रहे हैं, लेकिन किसी के कानों पर जू तक नहीं रेगा।

उन्होंने बताया कि आज पुनः अंतिम बार मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री पंचायती राज विभाग को मांगों का ज्ञापन समर्पित कर स्पष्ट रुप से कहा है कि 31 दिसंबर 2023 तक यदि मांग पूरा नहीं होता है, तो हम सभी 18 वर्ष की युवा अवस्था में, 12 जनवरी को पटना पहुँच कर सामूहिक इस्तीफा सौप देगें और झुठे नेताओं से क्षमा मांग लेगें। जनता जनार्दन का सेवा करते रहेंगे। जो लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे बड़ा और अंतिम घटना क्रम होगा।
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